आज दिनांक 29 अगस्त, 2019 को समय अपरान्ह 12:30 बजे मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा "आगामी माह
सितम्बर से कानपुर में स्थित ई.आई.सी. (एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन एजेंसी) कार्यालय के समग्र रूप से सदैव बंद होने पर "
प्रेस-वार्ता का आयोजन किया गया।
उक्त प्रेस-वार्ता में निम्नलिखित बिंदु पर विस्तार से चर्चा की गयी:
कानपुर में स्थित ई.आई.सी. एकमात्र कार्यकारी कार्यालय है जो न केवल कानपुर में बल्कि उत्तर प्रदेश में स्थित
समस्त निर्यातकों को सुविधा प्रदान करता है।
निर्यात के लिए कुछ ASEAN देशों जैसे जापान, कोरिया, नेपाल व श्रीलंका के लिए फिजिकल जाँच की आवश्यकता
होती है, कार्यलाय बंद होने की दशा में नई दिल्ली से ई.आई.सी. के के अधिकारी को नियुक्त कर भेजा
जाएगा।
कुछ मझोले निर्यातकों को समय-समय पर निर्यात सम्बन्धी जानकारियों अभी ई.आई.सी. कार्यालय, कानपुर से
ही मिल जाती है। अब, ई.आई.सी. कार्यालय का समस्त कार्य दिल्ली में स्थानांतरित हो जाने के बाद सभी
निर्यातकों को प्रत्येक कार्य के लिए दिल्ली जाना होगा। जिससे निर्यात का माल भेजने में 8-10 दिन की देरी
होगी।
वर्तमान अनावरण में प्रत्येक निर्यातक के लिए यह सम्भव नहीं है कि वह ऑनलाइन सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन
जारी करवाए जब तक कि निर्यातक को शिf{kत न किया जाए। निर्यातक को शिf{kत करने के लिए ऑनलाइन
सर्टिफिकेट ओरिजिन जारी करने के सम्बन्ध में ई.आई.सी. को पूरे प्रदेश में कार्यशाला करने की आवश्यकता है।
इस हेतु मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश, ई.आई.सी. कार्यालय को निर्यातकों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट ऑफ
ओरिजिन जारी करने के सम्बन्ध में शिf{kत करने के लिए अपना सभागार देने का आश्वासन देता है।
किसी भी नई प्रणाली, वर्तमान में ऑनलाइन सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन जारी करने की व्यवस्था, को लागू करने से
पूर्व यह माना जाता है कि उस प्रणाली से जुड़े बंधुओं को अवगत कराया जाए। इसलिए ई.आई.सी., कानपुर
कार्यालय को समस्त निर्यातकों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन ऑफ ओरिजिन जारी करने की नई
व्यवस्था में सहायता करना चाहिए।
ई.आई.सी. कानपुर एक हजार से अधिक पंजीकृत निर्यातकों को सुविधा प्रदान करता है जिसमें लेदर,
ग्लासवेयर आइटम्स, टेक्सटाइल, परफ्यूमरी, फ़ूड व अन्य उद्योग प्रमुख है। ऐसे में ई.आई.सी. कानपुर कार्यालय बंद होने
से निर्यातको को बाधा ही उत्पन्न होगी।
इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के निर्यातकों का एक मत यह है कि ई .आई.सी., कानपुर कार्यालय को आगामी एक वर्ष
या उससे अधिक तक के समय के लिए बंद नहीं करना चाहिए जब तक कि ऑनलाइन सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन
की व्यवस्था पूर्ण रूप से सुचारु रूप से न प्रारम्भ हो जाये।
उक्त प्रेस-वार्ता में मर्चेंट्स चेम्बर के अध्यछ श्री बी.एम.गर्ग, श्री योगेश दुबे, राकेश संदल इंडस्ट्रीज, श्री विशाल
पांडेय, लोहिया कॉर्प, श्री तहजीबुल, रहमान इंडस्ट्रीज लिमीटेड, श्री अवस्थी, मिर्ज़ा इंटरनेशनल लिमिटेड, तथा सचिव-
महेंद्र नाथ मोदी उपास्थित थे।
Saturday, August 31, 2019
ई.आई.सी. (एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन एजेंसी) कार्यालय के समग्र रूप से सदैव बंद होने पर " प्रेस-वार्ता का आयोजन
समय का चक्र
ग़जल
Sunday, August 25, 2019
इतिहास गवाह है.......!
🔰 इंश्योरेंस
जब इंश्योरेंस की इंडिया में शुरुआत हुई थी , तब लोग इंश्योरेंस लेने से डरते थे l सोचते थे कि कहीं इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिला तो?
आज धीरे-धीरे लोग इंश्योरेंस के महत्व को समझ रहे हैं।
इतिहास गवाह है।
🔰 बैंक सिस्टम
जब इंडिया में बैंकिंग सिस्टम की शुरुआत हुई थी, तो लोग बैंक में अपना खाता खुलवाना से डरते थे l सोचते थे कि कहीं बैंक हमारा पैसा लेकर भाग गई तो?
आज वास्तविकता आपके सामने है।
इतिहास गवाह है।
🔰 रसोई गैस
जब रसोई गैस की शुरुआत हुई थी, तब लोग इसे लेने से डरते थे l सोचते थे कि कहीं रसोई गैस का सिलेंडर फट गया तो सब मारे जाएंगे।
आज लोग रसोई गैस के दो दो सिलेंडर अपने घर में रखते हैं।
इतिहास गवाह है।
🔰 प्लास्टिक
दुनिया के अर्थशास्त्रियों ने बोला की प्लास्टिक में इन्वेस्टमेंट करो।
जिन लोगों ने यकीन करके प्लास्टिक की इंडस्ट्रीज लगाई आज वह सारे के सारे खरबपति है।
काफी सारी कंपनियां है, जो प्लास्टिक के फर्नीचर बनाती है।
इतिहास गवाह है।
🔰 टेलिविज़न
दुनिया के अर्थशास्त्री ने कहा कि TV में इन्वेस्टमेंट करो।
जिन लोगों ने इस बात पर विश्वास करके TV की इंडस्ट्रीज लगाई आज वह सारे के सारे मिलेनियर है।
आज हर घर में अलग-अलग प्रकार की TV पाई जाती है।
इतिहास गवाह है।
🔰 डायरेक्ट सैलिंग/नेटवर्क मार्केटिंग
अब दुनिया के अर्थशास्त्री बता रहे हैं की आने वाला समय Networking Business का है।
आज काफी ऐसी चीजें हैं, काफी इतना डेवलपमेंट हुआ है जो आज से 10 साल पहले नहीं था।
और आने वाले 10 साल के बाद वह होगा जिसकी आपने कभी कल्पना भी ना की हो।
इतिहास गवाह रहेगा।
समय उनका ही बलवान होता है जो सही समय पर सही निर्णय लेते है।
जीतने के लिए सीखने की आदत डालें ।।