Sunday, May 31, 2020

किशनी चौराह पर रखा ट्रांसफॉर्मर बदला गया

पत्रकार:-प्रशान्त यादव
करहल के किशनी चौराहा पर क्षतिग्रस्त हुए ट्रांसफार्मर को बदलवा दिया गया है बिजली विभाग ने लोगों की परेशानी को समझते हुए शीघ्रता दिखाई है और नया ट्रांसफार्मर रखवा दिया है ट्रांसफार्मर बदल जाने से अब विद्युत आपूर्ति सुचारू की जा सकेगी ।


भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष क्षमा बाजपेई स्कूल की फ़ीस माफ़ करने को लेकर दिया बयान






प्रदुम दीक्षित जिला संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ

लखनऊ :- उत्तर प्रदेश लखनऊ भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष क्षमा बाजपेई ने कहा सरकार द्वारा दिए गए आदेशों पर पानी फेरती दिखी स्कूल और कॉलेज 

जानकारी के लिए बता दे कोरोना महामारी के चलते परेशान जनता अपने बच्चों फीस जमा करने में असमर्थ लेकिन स्कूल के अध्यापको के द्वारा अभिभावकों पर फीस के प्रेशर बनाया जा रहा है जिसको लेकर भरतीय किसान यूनियन जन शक्ति महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष क्षमा बाजपेई ने अपनी गुस्सा जाहिर किया ।

*किसानों और मजदूरों पर बन बैठा बोझ*

लोक डाउन के दौरान किसान और मजदूर के बच्चे स्कूल में पढ़ते थे उनको भी  अब फीस देना बहुत मुसीबत और मशक्कत उठानी पड़ेगी सरकार अपने फैसले पर कायम क्यों नहीं है यही नही जो मजदूर काम करके अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई करवा रहे थे आज हालत बेहाल हो चुकी है सरकार को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए फीस माफ करने का आदेश जारी करना चाहिए।

*ऑनलाइन पढ़ाई करने के नाम पर विद्यालय धन को बटोरने में लगे*

ऑनलाइन पढ़ाई का झांसा देकर स्कूल व कालेज धन को बटोरने में लगे हैं जबकि कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनको ऑनलाइन के बारे में कोई जानकारी नहीं है और माता-पिता के पास कोई एंड्रॉयड फोन भी उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में भला ऑनलाइन पढ़ाई कैसे की जाए यही नहीं कुछ ऐसे अभिभावक है  जिनके पास एंड्रॉयड फोन  नहीं है उनके बच्चे इस पढ़ाई  को कैसे अध्ययन करें जबकि पढ़ाई फीस के लिए विद्यालयों से फोन आना चालू हो गये है जब कि 3 महीना हो गया है लॉक डाउन के इस समय  किसानों व मजदूरों  को  रोटी चलाने के लाले पड़  हैं  आखिर इस स्थित में भला फीस कैसे जमा कर सकते है यह उत्तर प्रदेश के लिए बना बड़ा  सवाल है ।


 

 



 



अज्ञात वाहन से टकराकर डिवाइडर पर चढ़ी डबल डेकर बस

9 सबारियों को आयीं हल्की फुल्की चोटें नागलोई बहादुरगढ़ बोर्डर दिल्ली से प्रवासी मजदूरों को बिहार ले कर  जा रही थी बस
पत्रकार:-प्रशान्त यादव
करहल थाना  क्षेत्र अंतर्गत आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे km 83 पर नागलोई बहादुरगढ़ बोर्डर दिल्ली से प्रवासी मजदूरों को बिहार ले जा रही बस सं up51at8109 डबल डेकर बस समय करीब 2: 30 am बजे आगे जा रहे किसी अज्ञात वाहन से टकराकर असंतुलित होकर डिवाइडर पर चढ गयी जिसमें बैठी नौ सवारियो को हल्की फुल्की चोटें आईं यूपीडा की एम्बुलेंस द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया शेष सवारिया सुरक्षित हैं बस में कुल क़रीब 100 सवरिया प्रवासी मज़दूर थी । सूचना मिलते ही मौके पर क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार व थाना प्रभारी देवेंद्र नाथ मिश्रा मौके पर पहुँचे । जिन्होंने प्रवर्तन अधिकारी  कौशलेन्द्र सिंह से वार्ता कर बसों का इंतजाम करके थर्मल स्केंनिंग एवं गंतव्य बिहार को भेजने हेतु व्यवस्था की ।


सीतापुर बाईपास थाना ठाकुरगंज  क्षेत्र चौकी आम्रपाली के अंतर्गत हयातनगर में खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां




*प्रदुम दीक्षित जिला संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ*

राजधानी लखनऊ के थाना ठाकुरगंज क्षेत्र आम्रपाली चौकी के अंतर्गत हयातनगर सोशल डिस्टेंसिंग  की उड़ाई जा रही हैं खुलेआम धज्जियां यहां पर बाजार में सीतापुर बाईपास के पावर हाउस के सामने एक बाजार में वहां के निवासी लोग सब्जी व अन्य चीजें लेने के लिए उपस्थित हुए हैं लेकिन ना तो कोई मार्क्स लगाए हुए हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर के चल रहे हैं यहां पर बात उसके पुलिस प्रशासन पर पुलिस प्रशासन ना तो कोई सिपाही है वहां मौजूद और ना ही कोई दरोगा इसमें पुलिस प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है और पुलिस प्रशासन की इतनी लापरवाही मे बढ़ा जोखिम यहां की जनता उठा सकती है डीसीपी वेस्ट सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के लगातार कोशिश और शक्ति के बावजूद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा थाना ठाकुरगंज यहां के लोग भी जागरूक होने का नाम नहीं ले रहे हैं कोरोना जैसी महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग  का पालन ना करके उड़ाई जा रही हैं धज्जियां।


 

 



 

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता कर रहे हैं सराहनीय कार्य



*प्रदुम दीक्षित जिला संवाददाता लखनऊ दैनिक अयोध्या टाइम्स*

         लखनऊ.. आगरा हाईवे टोल टैक्स पर प्रवासी मजदूरों को सहायता उपलब्ध करते हुए समाजवादी. पार्टी के  पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं  पूर्व. मंत्री आईपी  सिंह और साथ में एडवोकेट प्रमोद सिंह यादव  लखनऊ पश्चिम 171.... एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव... सभी साथियों ने मिलकर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के दिशानिर्देशों के.. पालन करते हुए जरूरतमंद लोगों को फल पानी उपलब्ध कराया . वहीं पर अन्य समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी सहयोग किया साथ में मिलजुल कर प्रवासी मजदूरों को निरंतर सेवा करते चले आ रहे हैं

 

 



 

आंधी और तूफान से जन जीवन प्रभावित, बारिश ने दी राहत

*संदीप दूबे दैनिक अयोध्या टाइम्स न्यूज सुलतानपुर*- शनिवार की देर शाम आंधी-तूफान के साथ आई बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज गरज के साथ हुई बारिश की वजह से घरों को लौट रहे राहगीर सुरक्षित स्थानों की तलाश करते देखे गए।सुल्तानपुर शहर के अलावा कुड़वार क्षेत्र के भण्डरा परशरामपुर, पूरे रामदयाल,प्रतापपुर में भी इसी तरह आंधी के साथ बारिश हुई।आँधी से आम के फलों को काफी नुकसान हुआ है।काफी मात्रा मे आम टूटकर नीचे गिर गये। बढ़ते तापमान के बीच बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिलाने का काम किया है।बारिश के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

 पिनाहट में आंधी पानी बारिश तूफान से ढह गई थाने के माल खाने की छत, सैकड़ों विद्युत पोल धराशाई 






पिनाहट। शुक्रवार शाम को आई तेज आंधी, बारिश व तूफान में पिनाहट क्षेत्र के सैकड़ों विद्युत पोल तोड़ टूट गये हैं। जिससे दर्जनों गांव की विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई है। तेज आंधी बारिश के चलते थाना पिनाहट के माल खाने की छत भी ढह गई ।उमरैठा में भी एक मकान की छत पर रखा टीन शेड उड़ गया ।और टीन शेड क्षतिग्रस्त हो गया ।जिससे किसान के घर में रखे फ्रीज व टीवी  क्षतिग्रस्त हो गये ।

       जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर शाम को आई आंधी बारिश और तूफान के चलते पिनाहट  थाने के माल खाने की छत ढह गई ।और उसमें पानी भर गया ।पिनाहट के गांव उमरैठा में कुलदीप सिंह पुत्र लोचन सिंह के मकान की छत पर लगा टीन शेड उड़ गया ।और टीन शेड क्षतिग्रस्त हो गया ।जिससे  घर के अंदर रखे फ्रीज व टीवी क्षतिग्रस्त हो गए। अरनोटा, बासौनी व पिनाहट फीडर के करीब एक दर्जन गांव में करीब 120 विद्युत पोल टूट गए। जिससे करीब पांच दर्जन गांवों की विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई है।

     वह इस मामले में एसडीओ पिनाहट मनोज महाजन का कहना है कि 120 विद्युत पोल टूटने का सर्वे कराया गया है ।बहुत जल्द ही टूटे हुए विद्युत पोलों को सही कर विद्युत सप्लाई चालू की जाएगी।


 

 



 



पिता बेटी का रिस्त




बेटी की विदाई के वक्त बाप सबसे आखरी में रोता है ,बाकी सब भावुकता में रोते है पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के पल याद कर कर के रोता है माँ बेटी के रिस्ते पर तो बात होती ही है पर बाप ओर बेटी का रिस्ता भी समुद्र से गहरा है,,हर बाप घर के बेटे को गाली देता है धमकाता है मारता है पर वही बाप अपनी बेटी की हर गलती नकली दादा गिरी से नजर अंदाज कर देता है ,बेटे ने कुछ मांगा तो एक बार डाट देता है पर बेटी ने धीरे से भी कुछ मांगा तो पिता सुना जाता है और जेब मे हो न हो बेटी की इच्छा पूरी कर देता है।

दुनिया उस बाप का सबकुछ लूट ले तो भी वो हार नही मानता पर अपनी बेटी के आंख के आंसू देख कर खुद अंदर से बिखर जाए उसे बाप कहते है ,,ओर बेटी भी जब घर मे रहती है तो उसे हर बात में बाप का घमंड होता है किसी ने कुछ कहा कि तपाक से बोलती है पापा को आने दे फिर बताती हु ...।

बेटी घर मे रहती तो माँ के आंचल में है पर बेटी की हिम्मत उसका बाप रहता है ,,बेटी की जब शादी में विदाई होती है तब वो सबसे मिलकर रोती तो है पर जैसे ही बिदाई के वक्त कुर्सी समेटते बाप को देखती है जाकर लिपट जाती है ऐसे पकड़ती है बाप को जैसे माँ अपने बेटे को,क्यो की उस बच्ची को पता है ये बाप ही है जिसके दम पर मैंने हर जिद पूरी की थी,,खैर बाप खुद रोता भी है और बेटी की पीठ ठोक कर फिर हिम्मत देता है कि बेटा चार दिन बाद आजाऊँगा लेने और खुद जानबूझकर निकल जाता है किसी कोने में ओर उस कोने में जाकर कितना फुट फुट रोता है वो बाप ये बात सिर्फ बेटी का बाप ही समझ सकता है ...।आँखों से नीर छलकता है , अधरों से प्यार बरसता है

दिल में पीड़ा सी होती है , जब कन्यादान  होता है। उन हाथों का कर्ज कोई नहीं चुका सकता जिन हाथों ने है ,कन्यादान किया ,झोली खाली हो जाती है, तब 

सोने का कोई सिक्का उसे कभी नहीं भर सकता लाख ठोकरें खाकर भी वह दरवाजे पर है दिखते उतार कर अपने सर की पगड़ी , पैरों पर है रख देते धैर्य ना जाने कितना उनकी रग-- रग में है बसता ,बेटी का घर ना उजड़े ,बस यही ख्याल दिल में है बसता।

 देखकर यह हालात मन विचलित सा हो जाता।

 कन्यादान ना किया हो जिसने वह क्या जाने पीर--पराई... पाल--पोसकर बड़ा किया फिर करनी पड़ती है विदाई...।

देना सीखो इन दिलदारों से लेना तो सबको है आता, झुकना सीखो इन प्यारों से झुकना तो सबको है आता, त्याग और बलिदान की है मूरत सौंप दी है तुम्हें प्यारी सी मूरत सौभाग्यशाली हैं वह जिन्होंने कन्यादान किया ,,उनसे अधिक सौभाग्यशाली है वह जिन्होंने कन्यादान लिया होता है ,,उधार ये ऋण जो बेटी किसी की है ले आते वो ऋणमुक्त तभी हो सकते जब कन्या को परिवार में सम्मान मिले और माता पिता को उनके बराबरी का हक और मान मिले...।

गुनहगार नहीं वह होते जो कन्यादान है करते फिर क्यों उन्हें हर बार अपमान ही सहना पड़ता है, वही जिनके दिल के टुकड़े से ,घर परिवार है चलता तोड़ दोगे यदि स्तम्भ को तो घर कहाँ से बनाओगे,, याद रखो स्तम्भ के बिना तुम बेघर ही रह जाओगे,, **उससे बड़ा भी क्या कोई बलिदान करता है...?   वो पिता जो गोद मे खिलाई बेटी का कन्यादान करता है...?**

दान देने की प्रथा या कुप्रथा---

हमारे यहाँ दान देने की परम्परा पुरातन काल से चली आ रही है, दान भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे स्वेच्छा दान ( धन दान एवं कन्या दान ), रक्त दान ( दूसरे के जीवन की रक्षा के लिये ) और ज्ञान दान ( गुरूकुल की परिपाटी ), दान शब्द के आते ही दाता की महानता ( रघुकुल भूषण, राज राजेश्वर अयोध्या नरेश श्री हरिश्चन्द्र ), क्षमता ( कुन्ती पुत्र दानवीर कर्ण एवं एकलव्य ) और पर उपकार के लिये प्रसिद्ध अपने हृदय की विशालता ( महर्षि शिवी एवं दधीचि ) के लिये सदा आदर की दृष्टि से देखे जाते हैं एवं दक्षिणा दान की पूर्णाहुति होती है। दाता को समाज में आदर की दृष्टि से देखा जाता है, क्योंकि दाता का हाथ ऊपर और प्राप्तकर्ता का हाथ नीचे होता है।

 कलियुग के वर्तमान काल में दान की व्याख्या ही बदल दी है, आज कन्यादान कर रहा महान दाता ( कन्या का पिता ) सदा वर पक्ष के मुखिया के जूते की नोंक पर टिका हुआ, अपने प्रतिष्ठा के रक्षार्थ, दया का पात्र बना, दहेज ( दक्षिणा का सम्भवतः अपभ्रंश ) की मार झेलने को विवश दीन हीन प्राणी दिखाई देता है। आरम्भिक काल में कन्या का पिता यह सोचकर कि बेटी नये घर में जा रही है, उसे कोई कष्ट की अनुभूति न हो, कुछ धन बेटी को दिया होगा, अब यह वर पक्ष के मुखिया का जन्मसिद्ध अधिकार हो गया, वह भी स्वेक्षा से नहीं बलात् ( पूर्व में ही धनराशि एवं इच्छित वस्तुओं ) की सूची थमा दी जाती है। एक लडका क्या पैदा कर लिया, लगा कि लघु उद्योग स्थापित कर लिया हो और कन्या ( आपके वंश की वृद्धि की सहभागीदार ) पैदाकर बेटी का बाप कोई अक्षम्य अपराध कर दिया हो...।

नन्ही सी परी को उसने गोद में खिलाया होगा,

हर दुख दर्द से उसे बचाया होगा,

ना जाने कितने आंसुओ को दफन कर,

उसके पिता ने कन्यादान का फर्ज निभाया होगा**।

भारी दहेज लेकर आई बहू से सास, ससुर, पति एवं परिवार के अन्य सदस्य यदि यथोचित सेवा-सुश्रुषा की अपेक्षा करना बेमानी होगी। बात पर बात ताना देकर बहू ( नारी ही नारी की दुश्मन ) को इतना क्रूर बना देते हैं कि वह आने वाले दिनों में अपने बहू के प्रति कठोरता की प्रतिमूर्ति बन जाती है, आपस की प्रेम भावना का धीरे धीरे ह्रास हो रहा है।

इसिलिए प्रायः ऐसा भी देखा गया है कि कन्या भ्रूण की हत्या गर्भ में ही कर दी जाती है कि उसे वर पक्ष के सामने जलील ना होना पडे, हालांकि यह सर्वथा एक अनुचित कदम है, इस प्रवृत्ति को भी हमें रोकना ही होगा, क्योंकि इसके दुष्परिणाम स्वरूप लडके और लडकियों के अनुपात में भयानक गिरावट देखी गयी है, जो भविष्य के लिये खतरे की घंटी है। आये दिन लडकियों से छेड़छाड़ एवं बलात्कार की घटनाओं से आजकल बच्चों में असुरक्षा की भावना जोड  पकड रही है, वे कहीं भी स्वयं को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं, इस  पर नियंत्रण करना हमारा सामाजिक दायित्व हो गया है। इसका एकमात्र बिकल्प स्वयं में सुधार लाना, समाज में इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता पैदा करना, दहेज प्रथा का हर स्तर पर विरोध ( वर वधू भी वैसे संबंध से इन्कार कर दें जो दहेज की बुनियाद पर खडा होने में प्रयास रत हो। आपका साहस ही इस कुप्रथा पर रोक लगा सकता है, काम थोड़ा कठिन अवश्य है पर नामुमकिन नहीं।

रीत आज कन्यादान की या मुहँ मांगे दहेज की---

कन्यादान करते समय हमारे समाज में माता पिता अपनी पुत्री और दामाद के पैर छूते हैं । कन्यादान के समय बेटी के हाथ पर शंख जरुरी होता हैं क्योंकि दान कभी खाली हाथ नहीं किया जाता । शंख हाथ मे रख कर उसका हाथ वर के हाथ मे दिया जाता हैं...।

क्यों जरुरी हैं ये दान ....?? क्या पुत्री कोई वस्तु हैं की आप उसको दान करके अपने किसी पाप का प्रायश्चित करना चाहते हैं... ?? क्यों पुत्री और दामाद के पैर माता पिता छुते हैं... ?? क्या आप अपने इस दुष्कर्म की माफ़ी मांग रहे हैं की आप अपनी बेटी दान कर रहे उस का जिसको दुनिया मे आप ही लाये हैं... । 

अरे-अरे!! ये मैं क्या कह गयी , सही नहीं कही क्या...? की धर्म ग्रंथो मे ये लिखा है की कन्यादान से मोक्ष मिलता हैं माता पिता अपना परलोक सुधारने के लिये पुत्री का दान करते हैं ।

कन्याभूण हत्या को अपराध मानने वाला ये समाज क्यों कन्यादान पर चुप्पी साध लेता हैं... ?? क्यों कोई भी लड़की मंडप मे इसका विरोध नहीं करती और क्यों किसी भी लड़के का अहम दान लेने पर नहीं कम नहीं होता...??

कम से कम कन्याभूण हत्या के समय तो कुछ ही हफ्तो का जीवन हैं जो खत्म कर दिया जाता हैं और आप इतना हल्ला मचाते हैं पर कन्यादान जैसी परम्परा को जहाँ एक लड़की को जो कम से कम  18 साल की हैं एक जानवर की तरह , किसी वस्तु की तरह दान कर जाता हैं , आप निभाते जाते हैं... ।

जब तक कन्या का दान होता रहेगा तब तक औरतें भोग्या बनती रहेगी क्योंकि दान मे आयी वस्तु का मालिक उसका जैसे चाहे भोग करे उपयोग करे या काम की ना लगने पर जला दे । क्या हमने तरक्की की हैं ...?? लगता नहीं क्योकि मानसिक रूप से हम सब आज भी बेकार की परम्पराओं मे अपने को जकडे हुये हैं... ।

आलेख आपने पढा , सही नहीं लगा... ?? भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं... ?? नारी को भड़काने वाला हैं... ?? 

ऐसी बहुत सी बाते आप के मन मे आयेगी , पर अगर एक को भी ये पढ़ कर कन्यादान ना करने की प्रेरणा मिलाए तो मुझे लगेगा मेरा लिखना सार्थक हुआ... ।

 मुझे आप के कमेन्ट नहीं , आप की वाह- वाही नहीं बस आप की बदली हुई सोच मिल जाये तो एक बदलाव आना शुरू होगा... । बदलाव लेख लिख कर , पढ़ कर या वाद संवाद करके नहीं आ सकता , बदलाव सोच बदलने से आता हैं , जरुरी नहीं हैं की जो होता आया हैं वो सही ही हैं , और ये भी जरुरी नहीं हैं की सबको एक ही रास्ते पर चलना हैं

आईये सोच बदले ,नये रास्ते तलाशे और बेटियों का दान ना करके उनको इंसान बनाए... ।

यदि आज दहेज के कारण हमारे परिवार की स्थिति के बारे में विचार किया जाए---

जब कोई बाप अपनी बेटी के विवाह में लड़के वालों की मांग को पूरा करने के लिए जो कुछ भी करता है उसे दहेज कहते है....।

       दहेज़ एक ऐसा शब्द जो भारतीय समाज में कानून से भी ज्यादा गहराई से अपनी जड़े जमाए हुए है। इसे खत्म करने की बात हर कोई करता है लेकिन जब अपनी बारी आती है तो है किसी को दहेज़ चाहिए होता है।

     दहेज़ अभिशाप की तरह भारतीय समाज पर कहर बन कर बरप रहा है।इसकी सबसे ज्यादा मार गरीबों पर होती है।दहेज़ की वजह से ही आज हमारे समाज में बेटी को बोझ समझा जाता है। 

            दहेज़ और उपहार में बहुत ही ज्यादा अंतर होता है।

 जब कोई पिता अपनी बेटी की शादी में अपनी खुशी से जो भी देता है वह उपहार होता है और इसे देना पिता का हक भी होता है क्यूंकि उस पिता ने जिस बेटी को इतने सालों तक पाला पोसा है और जब वह बेटी बिन कुछ मांगे अपनी ससुराल चली जाती है तो पिता का यह अधिकार होता है कि वह अपनी बेटी को अपनी इच्छा से जो चाहे दे सकता है।

    लेकिन जब लड़की का पिता लड़के वालों की तरफ से या किसी बाह्य दबाव के कारण जो कुछ देने को मजबूर किया जाता है वह दहेज़ होता है। दहेज़ किसी भी रूप में हो सकता है वह किसी सामग्री के रूप में या फिर नकद भी हो सकता है।

     यह हमारे समाज की बिडंबना है कि आजकल दहेज़ भी समाज में प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में प्रयुक्त होता है। जो    जितना अधिक दहेज़ पाता है उसे उतनी ही ज्यादा इज्ज़त दी जाती है। जो दहेज़ नहीं लेता है उसके बारे में तमाम तरह की अफ़वाहें उड़ाई जाती हैं और समाज में उसे नकारा समझा जाता है।

     हमें यह समझना होगा दहेज़ एक भीख से ज्यादा कुछ भी नहीं है जिसमें भिखारी वर पक्ष होता है और उनका कटोरा वर होता है। जब तक हम इन भिखारियों को इज्जत देते रहेंगे हमारे समाज से दहेज़ का दानव समाप्त नहीं होने वाला है। इसलिए हमें संगठित होकर इस समस्या से लड़ने की जरूरत है।दहेज़ लोभी आज भी दहेज़ की मांग करते हैं और पूरी न होने पर हत्या भी करते हैं।   इसका प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सबसे ज्यादा शिकार लड़कियां होती हैं। दहेज़ की वजह से समाज में लड़कियों को एक पिता बोझ के रूप में देखता है। अतः इस समस्या के ख़िलाफ़ सबसे पहले लड़कियों को खड़े होने की ज़रूरत है। इसके लिए लड़कियों को अपनी गृहलक्ष्मी की छवि से बाहर निकल कर दहेज़ लेने वालों को जवाब देने की जरूरत है...।

लड़के वालों हम लड़कियों को ये कहने पर मजबूर न करो की---

"झाड़ू-पोछा करब नाहि मांजब बर्तनवा,,,दहेज देके किनले बानी तोहरा के सजनवा..."

रीमा मिश्रा"नव्या"

आसनसोल(पश्चिम बंगाल)


 

 



 

सभी रिपोर्ट नेगेटिव, कोई नया पॉजिटिव केस नहीं

शिवपुरी, 30 मई 2020/ जिले में शनिवार को प्राप्त सभी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। कोई भी नया पॉजिटिव केस नहीं आया है। जनपद खनियांधाना के ग्राम परिहारा के पाॅजीटिव मरीज के द्वितीय संपर्क के 9 व्यक्तियों की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ए.एल.शर्मा ने बताया कि 40 सैंपल में से 39 की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं और एक रिपोर्ट रिजेक्ट हुई है। अभी जिले में कोरोना वायरस पॉजिटिव 8 सक्रिय केस है जिन्हें चिकित्सकों की निगरानी में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। जिले में अभी तक कुल 12 पॉजिटिव केस आये हैं। जिनमेें से 4 लोग स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए हैं। 
अभी तक 1437 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं जिनमें से 1360 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने बताया है कि जिले में 76 हजार 418 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। आईसोलेशन वार्ड में कुल 7 लोग भर्ती हैं। जबकि संस्थागत क्वॉरेंटाइन में 48 लोगों को  रखा गया है। 


जिले में समर्थन मूल्य पर ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी

शिवपुरी, 30 मई 2020/ रबी उपार्जन के तहत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जा रही है। जिला आपूर्ति नियंत्रक श्री शर्मा ने बताया कि अभी तक जिले में समर्थन मूल्य पर 28 हजार से अधिक किसानों से लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी की गई है। इसके अलावा चना, मसूर और सरसों का भी समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है। उन्होंने बताया कि चना खरीदी में 4373 किसानों से 8674 मीट्रिक टन और 856 किसानों से 1540 मीट्रिक टन सरसों की खरीदी अभी तक की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर किसानों से उपार्जन के लिए पहले किसानों को एसएमएस भेजें गए हैं। निर्धारित दिन के लिए प्राप्त एसएमएस के अनुसार ही किसानों को खरीदी केंद्र पर बुलाया जाता है। 


पलाश और कुसुम लाख के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि

शिवपुरी, 30 मई 2020/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के निर्देश के पालन में राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा पलाश और कुसुम लाख के लिये निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्यों में वृद्धि की गई है। अब संग्राहकों से पलाश लाख 150 रूपये प्रति किलो के बजाय 200 रूपये प्रति किलो और कुसुम लाख 230 रूपये की जगह 275 रूपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से खरीदा जायेगा।






राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संग्रहण वर्ष 2020 के लिये पुनर्निधारित दरें एवं उनमें हुई बढ़ोत्तरी इस प्रकार हैं:-

 

 



 



प्रदेश के 290 लाख गौ भैंस वंशीय पशुओं का होगा टीकाकरण

शिवपुरी, 30 मई 2020/ गौ-भैंसवंशीय पशुओं में होने वाली फूट एंड माउथ डिसिज (एफ एम डी) और ब्रूसेला डिसिज को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश में 290 लाख गौ भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। इस योजना के लिए भारत सरकार द्वारा 13 हजार 300 करोड़ का प्रावधान रखा है। एक वर्षीय टीकाकरण योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। राज्य शासन द्वारा 301 करोड 76 लाख की योजना केन्द्र को प्रस्तुत की गई है।इसमें प्रथम चरण के लिए 174.51 करोड़ एवं द्वितीय चरण के लिए 127.26 करोड का प्रावधान रखा गया है।
एक वर्ष में 2 बार होगा टीकाकरण
एक वर्षीय इस योजना के अंतर्गत 6 माह के अंतराल में दो बार पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। गत वर्ष प्रथम चरण के लिए 48 करोड़ 42 लाख का पुनर्वेधीकरण भारत सरकार द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में मात्र गौवंश, भैंस वंशीय, बकरी भेड एवं सूकर का शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा। इस योजना में सभी पशुओं की यूआईडी टैगिंग की जा रही है।
70 लाख पशुओं की हुई टेगिंग
प्रदेश में पूर्व से ही एक अन्य पशु संजीवनी योजना के तहत प्राप्त 90 लाख टेग में से 70 लाख टेग्स पशुओं को लगाए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा प्रदेश की कुल 290 लाख गौ भैंस-वंशीय पशुओं के 90 प्रतिशत पशुओं के लिए 262 लाख एफ.एम.डी. टीका-द्रव्य उपलब्ध करा दिया गया है। 


जिले के गा्रमीण क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चलाकर किया टिडडी दल पर कीटनाशक छिड़काव

शिवपुरी, 30 मई 2020/ राजस्व, कृषि एवं भारत सरकार के टिड्डी दल नियंत्रण के श्री बी.आर.मीणा द्वारा संयुक्त रूप से नियंत्रण अभियान चलाकर जिले के अनुभाग पोहरी, पिछोर एवं कोलारस के ग्रामीण क्षेत्रों में गत दिवस रात्रि विश्राम स्थलों को चिंहित कर टिडडी दल पर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। इस मौके पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, उपसंचालक कृषि, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। 
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक ने बताया कि जिले के सभी विकासखण्डों में मैदानी अमले द्वारा टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु निगरानी बढ़ा दी गई है। जिसके तहत गत दिवस अनुभाग पोहरी के ग्राम गणेशखेड़ा, पिछोर के ग्राम नांद, कछौआ, बमेरा, वाचरोन, भगवंपुरा, कोलारस के ग्राम चंदनपुरा, लेवा, सेमरखेडी में चिंहित किए गए स्थलों पर कीटनाशकों का छिड़काव भी किया गया। उन्होंने बताया कि टिड्डी प्रायः दिन में भ्रमण करती है भ्रमण के दौरान ढोल, नगाड़े, ताशे बजाकर एवं तेज ध्वनि कर भी इनको भगाया जा सकता है एवं रात्रि में आठ बजे के पश्चात विश्राम अवस्था में रहती है, उस दशा में रसायनिक दवा के छिड़काव से नियंत्रण किया जाता है। इसके लिए क्लोरोपायरिफास 20 प्रतिशत, ईसी 1200 एमएल प्रति हैक्टेयर, क्लोरोपायरिफास 50 प्रतिशत, ई.सी.480 एमएल प्रति हेक्टैयर, लेम्डासायहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत, ई.सी. 400 एमएल प्रति हेक्टेयर, मेलाथ्रियान 50 प्रतिशत, ईसी 1850 एमएल प्रति हेक्टेयर, डेल्टामेथ्रिन 2.8 प्रतिशत, ई.सी.625 एमएल प्रति हेक्टयेर की दर से छिड़काव करने पर इसको नियंत्रण किया जाता है। 
सूचना देने के लिए जिले में कंट्रोल कक्ष स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष नंबर 07492-234378 है। कंट्रोल कक्ष में अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। टिड्डी दल के आगमन की सूचना उनके मोबाइल नंबरो पर दी जा सकती है। नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारियों में बीटीएम श्री रघुवीर सिंह यादव (9584075140), तकनीकी सहायक श्री संदीप रावत (8770728922), सहायक ग्रेड-तीन श्री रोहित कुशवाह (9009755870) शामिल है। नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारी प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक कंट्रोल कक्ष में उपस्थित रहेंगे।