दैनिक उपयोग के कुछ मसालों को आप अपने किचन गार्डन में भी उगा सकते हैं। आप घर की छत, बालकनी यहां तक कि अपने रसोई घर की खिड़की तक में मसाला गार्डन बना सकते हैं। मिट्टी के गमले के अलावा पुराने डिब्बों और लकड़ी के बॉक्स में भी मसाले उगाना आसान है।
हल्दी उगाने के लिए इसकी गांठ बोई जा सकती है। इसके लिए ऐसा स्थान होना चाहिए, जहां धूप अधिक न आती हो। कुछ दिनों के बाद पत्तियां निकलने लगेंगी और गांठें अंदर ही अंदर फैलने लगेंगी। 7-8 महीनों के बाद आप मिट्टी खोदकर इन गांठों को निकाल लें। अब इनका उपयोग कर सकते हैं।
मसालों में मिर्च को उगाना सबसे आसान है। इसे आप मीडियम साइज के गमले में उगा सकते हैं। पौधों की बढ़त के दौरान यह ध्यान देना जरूरी है कि इसे हमेशा छायादार स्थान पर रखना है।
यह एक उपोष्णकटिबंधीय पौधा है। इसकी पत्तियों और बीजों का भोजन में इस्तेमाल किया जाता है। इसके पौधों को ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं है- इसके लिए बस अच्छी उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता है। इसे उसी तरह से उगाएं, जो प्रक्रिया धनिया उगाने की है।
यदि अदरक उगाना चाह रहे हैं तो इनकी गांठों को काट लें। फिर गमले, क्यारी या खोके में सुविधानुसार बो दें। कुछ दिनों में ही पत्तियां निकलने लगेंगी और गांठें अंदर ही अंदर फैलने लगेंगी। इन गांठों को बाहर निकालकर धोने के बाद भोजन में स्वाद के लिए उपयोग में ला सकते हैं। इन्हें सुखाकर सौंठ पाउडर भी बनाया जा सकता है।
हरा धनिया या कोथमीर उगाने के लिए इसके बीजों को गर्म पानी में रातभर भिगाकर रखें। अब 5-6 इंच गहराई की एक ट्रे या कंटेनर लें और इसे तीन-चौथाई हल्की रेतीली मिट्टी और एक भाग गोबर की सड़ी हुई खाद से भर दें। फिर रातभर भिगोकर रखे गए बीजों को हाथ से मसलकर मिट्टी पर बुरक दें। फिर ऊपर थोड़ी मिट्टी डालकर बीज को ढक दें। इसके बाद पानी का छिड़काव करें और कुछ समय पौधों को धूप में रखें। एक सप्ताह के भीतर इनमें अंकुर दिखाई देने लगेंगे।
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