भारत की सबसे हैपिएस्ट सिटी कहा जाने वाले, कानपुर शहर को वैसे तो अपने उद्योग धंधों की वजह से मशहूर है लेकिन यहां कई ऐसे स्थान हैं जिनके नाम बहुत ही अजीब-ओ-गरीब हैं। इन मोहल्लों में अफीम कोठी, सीसामऊ, परेड, नवाबगंज, बेकनगंज , बिरहाना रोड,आदि लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि इन जगहों के ऐसे नाम क्यों हैं? इनके पीछे की कहानी क्या है? आज हम आपको बताएंगे कि कानपुर की इन जगहों के ऐसे नाम क्यों हैं...
परेड चौराहा
कानपुर के जिस इलाके को आज हम परेड के नाम से जानते हैं वहां अंग्रेजी शासन के दौरान अंग्रेज परेड किया करते थे। यही कारण है कि इस जगह का नाम परेड पड़ गया।
क्यों कहते हैं राम नारायण बाजार...
राम नारायण बाजार
राम नारायण बाजार का नाम मुंशी राम नारायण खत्री की याद में रखा गया था। राम नारायण ईस्ट इंडिया कम्पनी की फौज में थे।
हूलागंज के बारे में...
कानपुर के वर्तमान हूलागंज का नाम सर हू हवीलर की स्मृति में रखा गया। पहले इस जगह का नाम वीलर गंज पड़ा लेकिन फिर वीर सेनापति हुलास सिंह उर्फ हूलावर सिंह की स्मृति को अमर रखने की भावना से इस जगह का नाम हूलागंज रखा गया।
बेरी के बागीचों से पड़ा ये नाम...
बिरहाना रोड को पहले बेरिहाना के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहां बेरी के बहुत से पेड़ हुआ करते थे। जिसमे ठाकुर गजराज सिंह की जमीदारी हुआ करती थी, बाद में यह जगह बिरहाना रोड के नाम से मशहूर हो गई।
यहां बनाई जाती थी खजूर की चटाई...
कानपुर के दो मौहल्ले चटाई मोहाल और सिरकी मोहाल के नाम से मशहूर हैं। दरअसल चटाई मोहाल में पहले खजूर की चटाई और सिरकी मोहाल में सिरकी के पाल बनाए जाते थे। इसलिए इस जगह का नाम चटाई मोहाल और सिरकी मोहाल रखा गया।
कोतवालेश्वर महादेव मंदिर से पड़ा ये नाम...
कानपुर कोतवाली
साल 1857 में कोतवाली उस जगह पर था जहां लाला कुंजी लाल का मंदिर है। इसके पास ही कोतवालेश्वर महादेव का पुराना मंदिर है बाद में इस जगह का नाम कोतवाली पड़ गया।
गोदामों का बाजार...
थाना नवाबगंज कानपुर
कानपुर कोहना के पास ज्योरा एक छोटा सा इलाका था, नवाब आसिफुद्दौला और जीरो मुमालिक अवध ने ज्योरा की जमीन पर गंज आबाद किया तभी से यह जगह नवाबगंज यानी गोदामों का बाजार कहा जाने लगा।
बेकनगंज कानपुर
स्थानीय लोग बताते हैं कि साल 1828 में कानपुर के मैजिस्ट्रेट विलियम बेकन के नाम पर इस इलाके का नाम बेकनगंज पड़ा।
सीसामऊ बाजार
गोविंद चंद के अभिलेख से पता चलता है कि सीसामऊ को पहले ससइमइ कहा जाता था जो बाद में सीसामऊ हो गया।
अफीम का गोदाम...
अफीमकोठी चौराहा कानपुर
कानपुर में एक ऐसी जगह भी है जहां एक जमाने में अफीम का गोदाम हुआ करता था इसलिए इस जगह को अफीम कोठी कहा जाने लगा।
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