शंकर अपन कनियाँ के संग तरकारी कीनय एकटा दोकान पर जाइत छैथि आ आधा किलो बथुआ साग आ एक किलो भांटा कीनैत छैथि। बथुआ साग शंकर के कनियाँ अपन झोरा में राखि लैत छैथि आ भांटा बला झोरा शंकर के हाथ में। बेसी भीड़ रहवाक कारणे तरकारी कीनबा में दुनू गोटे के समय लागि जाइत छैन्ह। शंकर दोकानदार सँ पूछैत छथिन्ह जे कतेक पाई भेल। दोकानदार एक किलो भांटा के दाम बीस रूपैया मंगैत अछि। शंकर के कनियाँ चुप आ प्रसन्न। शंकर बीस रूपैया दोकानदार के दऽ कऽ आगू बढैत अछि। किछुए दूर गेला पर शंकर के कनियाँ शंकर सँ कहैत छैथि जे आइ आधा किलो बथुआ साग के दाम के फायदा भेल आ सभटा घटना शंकर के बता देलखिन्ह। शंकर तुरंत पाछू घुमलाह आ ओहि दोकानदार के पाइ देवाक लेल बिदा भेलाह, कनियाँ कतबो रोकवाक प्रयास कयलखिन शंकर ओहि दोकानदार के बथुआ साग के पाई दऽ कऽ आबि गेलाह आ कनियाँ के बुझेलखिन जे ककरो संगे एना नहिं करवाक चाही। किछु आगू बढलाक पश्चात् एकटा कन्या आगू सँ आबि शंकर सँ कहैत छैथि जे घर के आगि सँ बचएबाक अछि तऽ बचा लिअ। शंकर दुनू प्राणी सुनि कऽ दंग रहि जाइत छैथि। शंकर अपन माँ के डेरा पर फोन करैत छथिन्ह जे गैस के गंध नहिं ने आबि रहल अछि। शंकर के माँ कहैत छथिन्ह हँ। शंकर माँ सँ कहैत छथिन्ह जे किचेन में जा कऽ गैस चुल्हा के स्विच आफ करू आ खिड़की केवाड़ खोलि दियौ........ शंकर दुनू प्राणी सोचि रहल छलीह जे ओ कन्या आओर कियो नहिं स्वयं माता रानी आयल छलीह आ कहि कए चलि गेलीह जे नीक कर्म कयनिहार के संग सदैव नीक होइत छैक, तें हमरा सभके सतत् साकांच रहवाक चाही, इमानदार रहवाक चाही.
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