इस धरती का इतिहास पुराना है ,
यहाँ बौद्ध सभ्यता का दबा खज़ाना है ।।
यहीं हडप्पा सिंधु नदी पर बसती थी ,
जहाँ व्यापार करने को दुनिया तरसती थी ।।
यहाँ मौर्यों ने जब शासन सत्ता संभाली ,
चारों ओर फैल गयी खुशहाली ।
इस धरती पर जन्में अशोक महान ,
जिन्होंने समझा सबको एक समान ।।
बुद्ध का धम्म देश-विदेश पहुँचाया ,
चीन , जापान , श्रीलंका को बौद्धमय बनाया ।।
यह पुष्यमित्र शुंग को रास ना आया ,
इस धरती को धोखे से बंदी बनाया । ।
जाति , वर्ण बनाकर भेदभाव किया ,
बौद्धमय भारत का नाश किया ।।
इस धरती पर जन्में कबीर, रैदास ।
वेद-शास्त्रों को बताया बकवास ।।
जातिप्रथा मिटाने का बीड़ा उठाया ।
जन्म से ऊंच-नीच का भेद मिटाया ।।
इस धरती पर था एक फूले परिवार ।
दिया सभी को शिक्षा का अधिकार ।।
ज्योतिबा ने रूढिवादी परंपराओं को मिटाया ।
सावित्रीबाई को शिक्षक बन स्वयं पढ़ाया ।।
सावित्रीबाई ने शिक्षित बन बच्चियों का स्कूल खोला ।
यह सब देखकर ब्राहम्णवाद का सिंहासन ड़ोला ।।
विरोधियों ने फूले दम्पति को घर से निकलवाया ।
फातिमा शेख ने जोतिबा-सावित्री का साथ निभाया ।।
यहीं जन्में थे बिरसा , झलकारीबाई ।
अंग्रेजों की जिन्होंने नींद उड़ाई ।।
इस धरती पर हुए एक शाहू महाराज ।
जिन्होंने नकारे रूढ़िवादी रीति-रिवाज ।।
यहाँ जन्म लिया बालक भीमरॉव ने ।
समाज बदलने की ठानी जिन्होंने ।।
भीमरॉव ने समाज बदलने की जब ठानी ।
रमाबाई ने दे दी बच्चों तक की कुर्बानी ।।
डॉ आंबेडकर ने इस धरती को धन्य किया ।
कड़ी मेहनत से लिखकर संविधान दिया ।।
इस धरती पर हुए एक रामासामी पेरियार ।
जिन्होंने काल्पनिक अवतारों को फेंका बाहर ।।
दक्षिण भारत में बुद्ध को जीवित किया ।
मनुवाद को लात मारकर बाहर किया ।।
इस धरती का इतिहास पुराना है ,
यहाँ बौद्ध सभ्यता का दबा खज़ाना है ।।
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