एक विडियो जिसे देख आंखें खुद ब खुद बहती चली गयी मेरी, मेरे आंसूंओं कि कशिश सिर्फ उस विडियो की तरफ थी जो टकटकी लगाए बार-बार उसे ही देखे जा रही थी। इतना भाव विभोर कर देने वाला था विडियो। सही कहते हमारे बड़े कि नेकी कर दरिया में डाल, बस नेकी का पुण्य फल आज नहीं तो कल किसी न किसी रूप में मिल ही जाता है या मिलता ही रहता है जो हमें महसूस भी नहीं हो पाता है। कब नेकी से ही धरा पर पड़ा इंसान उठ उस आसमां की बुलंदियों को छू लेता है जो उसे पता नहीं चलता है। वह तो नेकी का कार्य कर के भूल जाता है। उसे तो याद ही नहीं रहता कि उसने कभी कोई नेक काम किया था परंतु उसे नेकी का जब फल मिलता है तो वह फूला नहीं समाता है।
कहा जाता है समाज में सोशल मीडिया का प्रयोग आज के नवयुवा बहुत ही गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके चलते हमारे नवयुवा, नौनिहाल पथ भ्रमित होकर गलत राह पर चले जा रहे हैं और सोशल मीडिया का प्रयोग अनैतिक रूप से प्रयोग कर रहे हैं। सच यह देखा भी जा रहा है कि किसका तो सोशल मीडिया के जरिए कैसे वाहयात लोग वीडियो बना रहे, जिसे हम रियल कहते हैं और कुछ तो अवैधानिक कृत्य होते हुए देख रहे हैं परंतु बस खड़े-खड़े तमाशबीन की तरह वीडियो बनाते फिर रहे हैं और उसे अपलोड कर दिया जाता है सोशल मीडिया पर जन-जन तक पहुंचाने के लिए जैसे उन्होंने एक बड़ा कोई तीर मारा हो परंतु ऐसा नहीं है सोशल मीडिया का प्रयोग हम करना चाहे तो बहुत ही अच्छे तरीके से भी कर सकते हैं जैसा की मैंने ऊपर बताया कि मैंने एक वीडियो देखा जिसको देखकर इतना भाव विभोर हो उठी कि मेरे आंसू नहीं रुक रहे थे जानते हैं उस वीडियो के अंतर्गत क्या था उससे पहले मैं एक बात बताना चाहूंगी कि जिन्होंने यह वीडियो बनाया उन्होंने सोशल मीडिया का बहुत ही बेहतरीन उपयोग किया और दुनिया को एक संदेश देना चाहा कि जो हमारे बड़े बुजुर्ग कहते हैं वह गलत नहीं कहते हैं जैसे कि नेकी कर दरिया में डाल और इसका फल परिणाम कभी ना कभी हमें जरूर मिलता है हमारे हिसाब किताब के खाते प्रभु के द्वारा लिखे जा रहे हैं और उसी आधार पर हमारे द्वारा किये गये हर एक कर्मों का ही फल मिलता है जैसे कि हमें पैसा मिलता हैं, सम्मान, शौहरत, रूतबा। यदि हमारे पुण्य कर्म गलत होंगे तो न जाने कब हम अपने पाप के कर्मों की गठरी के कारण ही आसमां से धरा पर आकर औंधे मुंह गिर पड़े इसलिए कहते हैं कि पुण्य कर्म करते चलो फल की इच्छा मत करो।
इस वीडियो के अंतर्गत यह था एक आदमी एक भिखारी को कुछ रुपए देता है। वो रुपए इतने थे की भिखारी 2 दिन आराम से खाना खा सकता था। उसे भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ती परंतु उस भिखारी ने उन्हीं पैसों में से प्यासे एक आदमी को पानी खरीद कर दिया, एक दवा की दुकान पर गया कोई दवाई खरीदनी थी। वहां पर एक मां अपने बच्चे के लिए दवाई खरीदने आई थी परंतु कुछ पैसे कम पड़ते हैं । दुकानदार ने दवाई देने से मना कर दिया। महिला अपने ही पास में खड़ी हुई दूसरी महिला से कुछ पैसे उधार देने के लिए कहा परंतु दूसरी महिला ने उधार देने से मना कर दिया तब उस भिखारी ने अपने पैसों में से उसे कुछ पैसे दे दिए और बच्चे के लिए दवाई दिलवा दी उस औरत ने कहा कि मैं आपके पैसे लौटा दूंगी परंतु उस भिखारी ने मना कर दिया कहा कि मुझसे ज्यादा इस बच्चे को जरूरत है दवा की। इस समय दवा देकर आप पहले बच्चे को ठीक होने दें। जिस इंसान में भिखारी को 2 दिन के खाने के पैसे दिए थे भिखारी का पीछा कर रहा था तब से जब उसने एक प्यासे व्यक्ति को पानी की बोतल खरीद कर दी थी, बच्चे को दवाई दिलवाने के बाद भिखारी खाने की दुकान पर गया और वहां से एक पराठा और चिप्स का पैकेट और पानी की बोतल खरीदी जब वह खाने ही बैठ रहा था तभी एक उसके दूसरे भिखारी मित्र जो की बहुत बुजुर्ग था अपनी भख जाहिर की, उस भिखारी में खरीदा हुआ पराठा उसे खाने के लिए दे दिया। जो आदमी उस भिखारी का पीछा कर रहा था वह सब देखने के बाद अपने घर वापस लौट आया उसने समस्त वाक्या अपनी मां को बताया उसने बताया कि किस कदर उसने भिखारी को पैसे दिया और उस भिखारी ने पूरे के पूरे पैसे इस्तेमाल कर लिए दूसरों की मदद् करके तब मां की आंखों में आंसू आ गए और उसने अपने बेटे को बताया कि एक समय ऐसा था जब तुम्हारे पिता हमें छोड़ कर चले गए थे मुझे तुमको पालने के लिए पैसों की जरूरत थी और मेरे पास कोई काम ही नहीं था तब एक आदमी ने मेरी मदद की और जब तक मेरी नौकरी नहीं लगी तब तक उस आदमी ने मुझे रोज खाना दिया और तुम्हारे लिए दूध का इंतजाम भी करता था जब मेरी नौकरी लग गई तब मैं तुम्हें लेकर दूसरे शहर में आ गई जब मैंने अपना घर ले लिया तो मैं उस आदमी की तलाश में गई थी जहां उसे वो आदमी नहीं मिला। चलो कोई बात नहीं जिस आदमी है दूसरों की मदद की मैं उसी को ही अपने हाथों से कुछ बेटा देना चाहती हूं मुझे लेकर चलो। अपनी मां की बात सुनकर अपनी मां को उस भिखारी के पास लेकर जाता है और उन्हें वो भिखारी से मिल जाता है। मां जब उस भिखारी से मिलती है तो वह बहुत हैरान में पड़ जाती है। यह तो वही आदमी है जिसने मेरी बरसों पहले मदद की थी और जिसके कारण आज मैं और मेरा बेटा ऐशों आराम में रह रहे हैं। उस महिला ने उस भिखारी को पुरानी बातें याद दिलाई परंतु उस आदमी ने कहा कि मुझे कुछ भी याद नहीं मैं तो नेकी करता हूं और दरिया में डाल देता हूं। मेरी मां ने उस आदमी के लिए एक छोटा सा कमरा बनवाया , उसे वहीं रहने के लिए कहा और उसके लिए हर इंसान की जरूरत में आने वाले कपड़े व अन्य सामान दिया। आपके द्वारा कार्यकिसी न किसी रूप में आपको जरूर मिलेगा यही सीख दे रहा था वो विडियो ।सही में कुछ लोग सोशल मीडिया का प्रयोग इतना अच्छा करते हैं कि लोगों के लिए एक मिसाल कायम हो जाती है और कुछ अच्छा सीखने के लिए मिल पाता है काश हर कोई एक अच्छी सोच के साथी सोशल मीडिया का प्रयोग करें तो आज देश खुशहाल समृद्धि और प्रेम से परिपूर्ण हो जाएगा।
वीना आडवाणी तन्वी
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