मेवाड़ के महान योद्धा महाराणा प्रताप की सेना वर्ष १५७६ में हल्दीघाटी युद्ध में मुग़लो से पराजित हो गई।
मेवाड़ पर मुग़लो का शासन हो गया। मेवाड़ी सेना को हथियार बना कर देने वाले वफादारों ने ५ सौगंध ली कि जब तक महाराणा का शासन वापस नहीं आएगा हम
(१) मेवाड़ वापस नहीं जायेंगे।
(२) कोई भी स्थाई निवास में नहीं रहेगा
(३) रात को दिया नहीं जलाएंगे
(४) गाड़ी में घर होगा
(५) कुए से पानी निकालने का रस्सा नहीं रखेंगे।
आज भी गाड़िया लुहार अपने परिवार व सामान के साथ गाड़ी में विचरण करते हुए पांचो कठिन सौगंधो को निभा रहे है।
भौतिक साधनो की होड़ व दुनिया के ऐशो आराम के साधन इनको अब तक विचलित नहीं कर पाये है। आज भी कड़ी तपस्या व मेहनत करते हुए लोहे को कूट कर खेती व घर का सामान बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे है।
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