जो लोग रोज बखेड़ा करते,
उल्टा सीधा कहते फिरते।
मैं उनको आज बताना चाहूं
गांधी बनना आसान नहीं ।
जो लोगों को हैं समझाते ,
गांधी को समकक्ष बताते।
उनको मैं आज बताना चाहूं,
गांधी शक्ति का उनको भान नहीं।
जो नींवों की अनदेखी करते,
दीवारों की बम बम करते।
उनको मैं आज बताना चाहूं
नींव बनना आसान नहीं ।
पर तंत्र में विरुद्ध खड़ा होना,
ग़लत नीतियों पर उसको धोना ।
उनको मैं आज बताना चाहूं,
इतना छोटा भी काम नहीं।
आधी धोती पहनकर चलना,
पद पैसे की चाह न रखना।
उनको मैं आज बताना चाहूं,
यह और किसी के नाम नहीं।
निज हित से हो सराबोर,
जो गांधी निंदा करते मुंहजोर ।
उनको मैं आज बताना चाहूं,
गांधी जैसा किसी का काम नहीं।
- हरी राम यादव
स्वतंत्र लेखक एवं कवि
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