हे धर्म राज यह भारत पूछ रहा आपसे यक्ष प्रश्न
अगर संभव होतो हल कर दो भारत के यह यक्ष प्रश्न ll
चार भाई के जीवन खातिर आपने हल किए सारे यक्ष प्रश्न
आज इस कलयुग में क्यों नहीं कर रहे हल यह यक्ष प्रश्न ll
माना भीम अर्जुन सा ना अब इस युग में है कोई बलवान
पर आप तो समदर्शी हैं इसका कहाँ आपको गुमान ll
उस युग में तो केवल चार जान थे संकट में
लेकिन आज तो पूरा भारत हीं है संकट में ll
वहाँ तो केवल एक शकुनी जो गंदी चाले चलता था
यह
यहाँ तो हर गली में शकुनि जो गंदी चाले चलता है ll
वहाँ तो केवल एक दुर्योधन जिसको था सत्ता का भूख
यहाँ तो हर घरचौराहे पर दुर्योधन खोज रहा सत्ता का सुख ll
एक धृतराष्ट्र मौन साधकर बुलाया कई संकट को
यहाँ तो धृतराष्ट्र का फौज खड़ा बुला रहा संकटों को ll
एक शकुनी कंधार से आकर हस्तिनापुर मिटाने का रखा था दम
आज ना जाने कितने शकुनी भारत को मिटाने का करते जतन ll
उन दुष्टों को तो झेल गए आप अपने दृढ़ विचारों से
अब इस भारत को कौन बचाए ऐसे कु विचारों से ll
दुर्योधन संग एक दुशासन चीर हरण को था बेताब।
आज ना जाने कितने दुशासन चीरहरण को है तैयार ll
उस युग में तो श्रीकृष्ण थे स्वयं विष्णु के अवतार
आज इस कलयुग में पूरा भारत हीं है निराधार ll
सत्ता पाने के मद में सब के सब बन बैठे धृतराष्ट्र ।
भारत माता की गरिमा को कर रहे हैं तार-तार ll
सेना की गरिमा को यह धूल धूसरीत करते हैं।
अपने खादी के काले छीटें को भारत माँ पर मढते हैं ll
अगर उन्हें मौका मिले तो बोटी बोटी नोच कर खाएंगे ।
ऊपर से राक्षसी अट्टाहस कर हम आम जनता को डराएंगे ll
जब आपने स्थापित किया खुशहाल शासन आपको भी ना इसका होगा एहसास।
एक दिन इस भरतपुर का होगा ऐसा खस्ताहाल ll
अब जनता त्रस्त हो चुका ऐसा यक्ष प्रश्न झेल कर
बस आपसे यही निवेदन आम जनता को शांति देदो यक्ष प्रश्न हल कर ll
यह ना कर सकते तो आपको पुनः धरा पर आना होगा।
संगा अपने परीक्षित को लाकर पुनः एक कुशल शासक छोड़कर जाना होगा ll3
श्री कमलेश झा भागलपुर बिहार
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