उस महान आत्मा का ,
जो भारत की पहचान था।
अटल के नाम से विख्यात था।
चले गए इस दुनिया से वो।
लेकिन भारत को विश्व गुरु l
की श्रेणी में लाकर खड़ा किया,
आतंकवाद को खत्म किया |
भारत भूमि से दुश्मन को l
सीमा से खदेड भागने पर मजबूर किया,
भारत की ताकत का लोहा
दुश्मनों को फिर मनवा दिया l
राजनीति का पुरोधा था वो।
लडकर कभी हार नहीं माना
हार कर भी जीतने की।
उम्मीद पर जीता रहा।
मौत को बांध मुठ्ठी में भर कर।
जिंदगी का सफर में चलता रहा।
अटल था वो अटल हैं अटल
रहेगा ।
यही संदेश दुनिया को देकर गया।
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शैलेन्द पयासी ( स्वतंत्र लेखक
विजयराघवगढ़, कटनी मध्यप्रदेश
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