उठो वीर जवानों भारत के भारत माता की यही पुकार
साधो अपने लक्ष्य को साधना की बस यही पुकार ।।
यह धरती है वीरों का जिनके कर्मो का गवाह इतिहास
उस इतिहास के पन्ने में दर्ज कराना अपना इतिहास।।
परशुराम की कर्म भूमि है जहाँ परसु उठता अन्याय
पर एक एक कर अधर्मी और अन्यायी का परशु हिसाब करता न्याय पर।।
तुम वंशज हो राम के जिनके आदर्श का गाथा है
धर्म पथ और कर्म पथ के सामंजस का गाथा है।।
हरिश्चंद्र हो जिसके पूर्वज वो बोलो कैसे असत्य पर धरे मौन
राजपाट को तुच्छ ही जाना सत्य पथ पर चलकर मौन।।
भीष्म जहाँ की अटल प्रतीज्ञा अर्पण किये जीवन का सुख
राष्ट्र रक्षा का विडा मन में अर्पण किये जीवन का सूख।।
इतिहास पुरूष हैं अर्जुन तेरे जिनके वाणों की टंकार
बड़े बड़े और वीर योद्धा भी करते थे उन्हें नमस्कार।।
देश तुम्हारे ही जन्मे थे लीला धर लेकर अवतार
मुरली गैया और सुदर्शन जिनके थे प्रिय हथियार।।
कितने वीरों का नाम कहूँ यह भारत माता स्वतः गवाह
क्या एक एक कर नाम गिनाऊं जिनके कृत्यों का है भंडार।।
चन्द्रगुप्त उस मलेच्छ पर भारी जिसने जीत पूरा विश्व
विश्व विजेता को घुटनों बैठकर चंद्रगुप्त ने जीता दिल।।
चौहान चलाए सब्दबेधी चित किया उस जालिम को
भारत माता के रक्षा में आहुति दे दिया अपने आप को।।
चंद्रशेखर ,भगत और वीर सुभाष जन्म लिए जिस मिट्टी पर
आजादी का लहर उठाकर स्वाहा हो गए उस मिट्टी पर ।।
लाखों लाख सपूत हुए आर्यावर्त की पुण्य धरा
अब उनके किये कृत्य पर पानी जैसे है फिर रहा।।
अब भी अगर जग गए तो मिट जाएगा अंधियारा
धवल किरण लेकर आएंगे रश्मि रथी का उजियारा।।।।
श्री कमलेश झा भागलपुर
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