सारण( ब्युरो चीफ़)दैनिक अयोध्या टाइम्स
सारण प्रमण्डल क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक डा0 दीपक कुमार सहायक रोग अनुसंधान पदाधिकारी ने बताया कि सारण प्रमण्डल क्षेत्र के छपरा, सिवान, गोपालगंज के सभी प्रखण्डों, पंचायतों, गॉव, टोला में डोर टू डोर "पशु स्वास्थ्य रक्षा पखवारा" अन्तर्गत अवि-अजा (भेड़ एवं बकरी में ) पी०पी0आर0 रोग के विरूद्ध निःशुल्क टीकारण कार्यक्रम 05.03.2021 से 19.03.2021 में किया जाना हैं वही सहायक रोग अनुसंधान पदाधिकारी डा0 दीपक कुमार ने यह भी बताया कि बकरी एवं भेड़ पालन के क्षेत्र से जुड़े पशुपालन को जीविका से जुड़े बकरी पालक को टीकाकरण एवं पीoपी0आर० रोग की जानकारी आवश्यक हैं इससे आर्थिक हानि से पशुपालकों को बचाया जा सकता। पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेट्स(पी0पी0आर0) जिसे बकरियों में महामारी या बकरी प्लेग के नाम से भी जाना जाता हैं, जिसमें बकरियों और भेड़ों में बुखार, मुंह में घाव, दस्त, निमोनिया और अंत में कभी-कभी मृत्यु हो जाती हैं।
यह रोग मुख्य रूप से मेमनों और कुपोषण व परजीवियों से ग्रसित भेड़ एवं बकरियों में अति गंभीर एवं प्राणघातक सिद्ध होता हैं ।
पी0पी0आर0 एक विषाणु जनित (वायरल बीमारी) हैं ।बकरियों में रोग अधिक गंभीर होता हैं। कुपोषण व परजीवियों ग्रसित भेड़ एवं बकरियां पी०पी०आर० रोग के लिये अधिक संवेदनशील होते हैं।
बीमार पशु की आँख, नाक, व मुंह के स्त्राव तथा मल में पीoपीoआर0 विषाणु पाया जाता हैं। बीमार पशु के खाँसने और छींकने से हवा की बूंदे जो हवा में जारी की होती हैं, इससे भी तेजी से रोग प्रसार संभव हैं।
बीमार बकरियों में गंभीर लक्षण दिखाई देती हैं जैसे अवसाद, भूख की कमी, नीरसता, छींक तथा आँख व नासिक तरल स्त्राव देखा जाता हैं। इस अवस्था के दौरान पशुपालक अकसर सोचता हैं कि बकरियों को ठण्ड लग गयी हैं ।सर्वप्रथम स्वस्थ्य, बकरियों को शीघ्र ही बीमार भेड़ ,बकरियों से अलग बाड़े में रखना चाहिए ताकि रोग को फैलने से बचाया जा सकें। इसके बाद ही रोगी बकरियों का उपचार प्रारम्भ
पी०पी0आर0 के लक्षण दिखने पर तुरंत ही नजदीकी सरकारी पशु-चिकित्सालय में सूचना देनी चाहिए।
भेड़ एवं बकरियों का टीकाकरण ही पी0पी0आर0 से बचाव का एक मात्र कारगर उपाय हैं।
विशेष जानकारी एवं बचाव के लिए नजदीक के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी से सम्पर्क करे ।
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