मुज़फ़्फ़रपुर,07 मार्च () जिले के महेश्वर प्रसाद सिंह साइंस कॉलेज के मैदान में आयोजित ब्रह्मर्षि समाज के द्वारा चिंतन शिविर का मुख्य केंद्र रहा बीजेपी कोटा से बिहार सरकार में रहे पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा जिनको विधानसभा चुनाव में नगर क्षेत्र से हार मिली थी वहीं दूसरी तरफ पूर्व मंत्री रहे अजीत कुमार जिन्होंने कांटी विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य निर्दलीय आजमाया और हार गए इन्हीं दोनों के द्वारा इस चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था इसमें काफी लोग शामिल हुए लेकिन शहर के ही कई जाने-माने ब्रह्मर्षि नेता और बुजुर्गों ने हिस्सा तक नहीं लिया किसी को आने के लिए नहीं कहा गया तो कोई राजनीतिक चिंतन के कारण अपने आप को इस शिविर से अलग रखा है पूरे भव्य आयोजन में लाखों रुपए खर्च हुए ब्रह्मर्षि समाज के नाम पर चिंतन शिविर लगाया गया जाम कर बैनर पोस्टर हार्डिंग के साथ प्रिंट मीडिया में प्रचार प्रसार डाला गया वह बस सिर्फ इसलिए कि खुद का तो टिकट तक नहीं बचा वह भी सिर्फ कुछ खास जगह अपने समाज के कारण ही कहावत चरितार्थ है कि जैसी करनी वैसी भरनी लेकिन अब अगला निशाना अपनी-अपनी अगली पीढ़ी के लिए है जो कि ऐसा इसलिए कि पूर्व मंत्री अजीत कुमार का कहना था कि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बनता है शिक्षक का बेटा शिक्षक बनता है तो इसमें हर्ज क्या है इससे यह साफ जाहिर है कि यह चिंतन शिविर अपने समाज के नाम पर अगली पीढ़ी की तैयारियों की शिविर थी । शहर के ब्रह्मर्षि समाज के कई बड़े चेहरे जो बड़े बिजनेस और कारोबार से जुड़े हैं उन्होंने बताया कि या सिर्फ व्यक्ति विशेष अपने अपने मैदान बनाने के लिए समाज के नाम पर चिंतन शिविर का नाम देकर सभी ब्राह्मण से लोगों को बुलाया गया था लेकिन जो लोग वहां शिविर में गए थे उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव में मिली शिकायत थी मुख्य बिंदु रहा इससे यह साफ जाहिर है कि समाज के नाम पर राजनीति की गई लेकिन ब्रह्मर्षि समाज सबसे अग्रणी समाज है आने वाले इसके युवा वर्ग और गार्जियन लोग भी कितने हैं सभी देख रहे हैं सुने भी हैं समाज के नाम पर राजनीतिक ऐसे लोगों के लिए नहीं है जो सिर्फ अपनी ही सोचे समाज की नहीं और जब शिकस्त मिल जाए तो समाज याद आ जाती है ।
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