सारण( ब्यूरो चीफ) दैनिक अयोध्या टाइम्स,सोनपुर एएनएम ट्रेनिग सेंटर पर सभी ग्रामीण चिकित्सकों को टीoबीo रोगी से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण डॉ राकेश अमन के साथ टीoवीo सुपरवाइजर डॉ इंद्रजीत कुमार द्वारा प्रशिक्षण सोमवार को दिया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार सचिव सह निर्देशक ग्रामीण चिकित्सक कल्याण विकास संस्थान तथा संचालन राजीव कुमार प्रदेश अध्यक्ष ,ग्रामीण चिकित्सा कल्याण विकास संस्थान ,जिला संयोजक सारण अशोक कुमार अनुज ,प्रखंड संयोजक अजय कुमार के देखरेख में कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।सभी 40 ग्रामीण चिकित्सक को प्रशिक्षण देकर टीoवीo रोगी को खोजने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रवाना किया गया वहीं उपस्थित ग्रामीण चिकित्सको को विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ राकेश अमन ने बताया कि टीबी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए विभाग प्रयासरत है। सरकार द्वारा 2025 तक देश सहित जिला को टीबी रोग से मुक्त करने का निश्चय किया गया है। अनुमंडल क्षेत्र में निश्चय पोर्टल के माध्यम से रोगियों से संबंधित सभी डेटा अपलोड किया जा रहा है। मरीजों का नाम जोडऩे के बाद टीबी रोगियों को सात अंकों की एक डिजिटल आईडी मिल रही है। इससे मरीजों का पता लगाने में विभाग को काफी सुविधा हो रही है। इससे विभाग को यह भी पता चल रहा है कि मरीज ने समय पर दवा ली या नहीं। इसके अलावा इस आईडी के जारी होने के बाद रोगी देश में कहीं से भी अपनी दवा ले सकेंगे। दवा के पैकेट के साथ एक टोल फ्री नंबर भी है। जिसका नंम्बर 1800116666 है जिस पर यह बताना होगा कि मरीज ने दवा ले ली है। अगर दवा नहीं ली या मरीज की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो स्थानीय आशा और एरिया के टीबी फील्ड वर्कर मरीज के घर पहुंच कर विस्तृत जानकारी लेते हैं। दरअसल लंबे समय तक दवा चलती है और दवा लेने के दौरान बीच में मरीज को थोड़ी परेशानी भी होती है। इसलिए मरीज बीच में दवा छोड़ते हैं। चिकित्सक के मुताबिक अगर दवा बीच में छोड़ दी जाए यह गंभीर हो सकता है । इसलिये दवा मरीजों को नही छोड़नी चाहिये ।वही टीoबी o सुपरवाइजर इंद्रजीत कुमार ने कहा कि टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी भी को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है। नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका लगवाएं,सक्रिय मामले पता लगने पर जल्द से जल्द उनका इलाज करना चाहिए,दवा का सेवन नियमित रूप से करें वरना ड्रग रेसिस्टेंस की संभावना है,संक्रमित व्यक्ति को खाते समय अपने मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए ,साफ-सफाई का ध्यान रखें और भीड़ वाले स्थान पर ना थूकें ,ताजे फल सब्जियों के साथ संतुलित आहार का सेवन करें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं ।
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