आशा एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है जो निराशा के अंधकार को भेद कर जीवन को प्रकाश की ओर अग्रसर करता है...
और प्रतीक्षा एक ऐसी तपस्या है जो हमें धीरे-धीरे तोड़ती रहती है फिर भी हम आशा के नये - नये प्रतिमान स्थापित करते रहते है और यदि प्रतीक्षा अनंत हो जाये तो जीवन एक प्रश्न बन जाता हैं ..वक्त की धूल धुंधला कर देती है यादों की परछाइयां पर नहीं मिटती उनकी कसक आजीवन..
सुख तो क्षणिक होते हैं और दु:खों की उम्र बड़ी लम्बी होती है..प्रेम की घड़ियां कल्पना से भी ज्यादा छोटी होती हैं सुख का सबसे बड़ा दु:ख ये है कि हमारे चाहने के बावजूद भी वो हमारे चेहरे पर ठहरता नहीं हैऔर न ही जीवन में कभी स्थायी जगह बना पाता है जबकि दु:ख का सबसे बड़ा सुख ये है कि हमारे न चाहने के बाद भी वो हमारे चेहरे पर अपनी जगह ख़ुद बना लेता है और कभी अगर कुछ देर को चला भी जाये तो भी कुछ निशान ज़रूर छोड़ जाता है दु:ख एक बार आकर ठहर जाता है।
मन तो चंचल है हर वक्त बस उधेड़ बुन में ही लगा रहता है और विचार मन की सोच पर निर्भर रहते है ..पर जब तक उम्मीद सुलगती रहती है तब तक आस भी दम नहीं तोड़ती यही सुख-दु:ख के बीच का पल ही शायद जीवन है कभी उदासी कभी मुस्कान जीवन की बस यही पहचान!
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