सारण( ब्यूरो चीफ ) दैनिक अयोध्या टाइम्स सोनपुर के पावन भूमि हरिहर क्षेत्र में श्रीगजेन्द्रमोक्ष देवस्थानम नौलखा मन्दिर सोनपुर का कलशयात्रा पारम्परिक विधि विधान से विद्वानों द्वारा वैदिक मँत्रोँ का उच्चारण करते हुए सोमवार को 22 वाँ श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मीनारायण महायज प्रारम्भ हुआ। इस कलशयात्रा मे पीतबस्त्र धारण किये हुए शिर पर कलश लिए माताये बहनेँ गोविंद जय जय गोपाल जय का सँकीर्तन करते हुए आगे बढ रही थी। हरिहरनाथ मन्दिर होते हुए समस्त सोनपुर नगर की परिक्रमा करते हुए चिडिया बाजार होते हुए श्रीगजेन्द्रमोक्ष धाट पर आकर जलमातृका थलमातृका स्थलमातृका वरुण देवता का पुजन कर मँगलगायन करते हुए यज्ञशाला की परिक्रमा करते कलश स्थापित किये गये। कलशयात्रा मे यज्ञ यजमान दिलीप झा ,रतन कुमार कर्ण इन्दौर के फूलबाबू झा ,निर्मला तिवारी, राजकली देवी ,सुधाँशु सिह चल रहे थे साथ ही भोला सिह अमरनाथ सिह ,पँ0 नन्दकिशोर तिवारी ,पवन शास्त्री शिवनारायण शास्त्री डा0 नारायणाचार्य एवँ सन्तो्ँ की टोलियां चल रही थी। अन्त मे समस्त कलश यात्रियों को सम्बोधित करते हुए स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने कहा कि मानव जीवन मे जल का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है जल नही तो जन्म नही। जल से मनुष्य पवित्र होता है। गर्भ धारण से अन्तेष्टी पर्यन्त जल की आवश्यकता है। यज्ञोँ मे भी विना जलयात्रा जलाहरण का कोई कार्य नही होता। मानव जीवन मे जल अति महत्वपूर्ण अँग है।इसलिए सभी मे वरुणदेव प्रधान है।
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