उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से पूरे देश में प्रथम है। अधिक जनसंख्या के कारण प्रदेश की जनता को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवायें देने के लिए प्रदेश सरकार ने कई मेडिकल काॅलेज खोले हैं। प्रदेश की जनता को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कृत संकल्पित हैं। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा विगत वर्षों में चरणबद्ध तरीके से अनेक सुधार किये हैं। सरकार ने प्रदेश के चिकित्सा विश्वविद्यालयों/संस्थानोें/महा
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से सरकारी क्षेत्र के अन्तर्गत 5 नये मेडिकल काॅलेजों को क्रियाशील किया है और 9 मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाना लक्षित है। इसके साथ ही 14 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गयी है। प्रदेश सरकार ने केन्द्र सहायतित योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में पांच जिला चिकित्सालयों-अयोध्या, बहराइच, बस्ती, फिरोजाबाद एवं शाहजहांपुर को उच्चीकृत कर स्वशासी राज्य मेडिकल काॅलेज में परिवर्तित कर दिया है तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में प्रत्येक काॅलेज में एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम के अन्तर्गत 100 छात्रों (कुल 500) का प्रवेश कर पठन-पाठन प्रारम्भ कर दिया गया है। उसी तरह केन्द्र सहायतित योजना के अन्तर्गत द्वितीय चरण में आठ जिला चिकित्सालयों-एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर एवं मिर्जापुर को उच्चीकृत कर स्वशासी राज्य मेडिकल काॅलेज के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रत्येक काॅलेज में 100 एम0बी0बी0एस0 छात्रों (कुल 800) का प्रवेश प्रस्तावित है। ये सभी मेडिकल काॅलेज शैक्षणिक सत्र 2021-22 से क्रियाशील हो जाएंगे। राजकीय मेडिकल काॅलेज, जौनपुर निर्माणाधीन है। यह मेडिकल काॅलेज 100 सीटों के साथ वर्ष 2021-22 में क्रियाशील किया जाना लक्षित है।
प्रदेश की जनता को अधिक से अधिक नजदीकी क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में तृतीय चरण में 14 जिला चिकित्सालयों/रेफरल अस्पताल क्रमशः चन्दौली, सोनभद्र, सुल्तानपुर, गोण्डा, कानपुर देहात, कौशाम्बी, लखीमपुर खीरी, बुलन्दशहर, पीलीभीत, ललितपुर, औरैया, बिजनौर, कुशीनगर एवं अमेठी को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज के रूप में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में वर्ष 2017 तक मात्र 15 जिलों में राजकीय मेडिकल काॅलेज/ संस्थान संचालित थे जबकि वर्तमान सरकार के अब तक के समय में 45 जिलों में मेडिकल काॅलेज/ संस्थान संचालित हो रहे हैं। वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 से निजी क्षेत्र के अन्तर्गत 4 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की है। 02 मेडिकल काॅलेज क्रमशः राजकीय मेडिकल काॅलेज, बदायूं एवं राजकीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा में शैक्षणिक सत्र 2019-20 में एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम के अन्तर्गत 100-100 छात्रों (कुल 200) का प्रवेश कर पठन-पाठन प्रारम्भ कर दिया गया है। इस प्रकार शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कुल 700 (500$200) एम0बी0बी0एस0 सीटों की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि पूरे भारत वर्ष में सर्वाधिक है। वर्ष 2017 से राजकीय मेडिकल काॅलेजों में 938 एम0बी0बी0एस0 सीटों तथा 127 पी0जी0 सीटों में वृद्धि हुई है तथा निजी क्षेत्र में 1550 यू0जी0 सीट तथा पी0जी0 एण्ड डिप्लोमा में 461 सीटों की वृद्धि हुई है।
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम एवं परीक्षाओं में एकरूपता लाने तथा केन्द्रीयकृत शैक्षणिक मार्गदर्शन एवं संचालित पाठ्यक्रमों को सम्बद्धता प्रदान किये जाने हेतु अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस सम्बंध में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, उ0प्र0 अधिनियम, 2018 दिनांक 22.12.2018 को अधिसूचित कर दिया गया है। इस विश्वविद्यालय से राजकीय क्षेत्र के 22 मेडिकल काॅलेज, निजी क्षेत्र के 18 मेडिकल काॅलेज, निजी क्षेत्र के 17 डेण्टल काॅलेज, राजकीय क्षेत्र के 12 नर्सिंग डिग्री कोर्सेज, निजी क्षेत्र के 198 नर्सिंग डिग्री काॅलेज तथा निजी क्षेत्र के 89 पैरा मेडिकल डिग्री कोर्सेज (कुल 356) को सम्बद्धता प्रदान की जायेगी।
प्रदेश में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा की दिशा में उत्तर प्रदेश राज्य में 02 अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान (एम्स) क्रमशः गोरखपुर एवं रायबरेली में स्थापित कर आउटडोर सेवायें प्रारम्भ की जा चुकी है तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम के अन्तर्गत एम्स, गोरखपुर में 100 छात्र तथा एम्स, रायबरेली में 100 छात्रों (कुल 200 छात्रों) का प्रवेश कर पठन-पाठन भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
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