रूदौली(अयोध्या)
बृहस्पतिवार को तहसीलदार प्रज्ञा सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में जमकर हंगामा किया।तहसीलदार मुर्दाबाद के नारे लगाए और तहसीलदार न्यायालय के सामने अधिवक्तागण धरने पर बैठ गए।अधिवक्ताओं का आक्रोश यह रहा कि बार महामंत्री वेद तिवारी के समझाने बुझाने पर भी वकील शांत नहीं हुए।
बार अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि कुछ अधिवक्ता फाइलों के निस्तारण को लेकर तहसीलदार से मिलने गए थे।तहसीलदार ने निस्तारण के बाबत हीला हवाली की व अभद्र व्यवहार किया।नाराज अधिवक्ताओं ने तहसीलदार का घेराव कर नारेबाजी शुरू की। लगभग एक घन्टे तक तहसील परिसर में बवाल चलता रहा और अधिवक्ता तहसीलदार मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।वरिष्ठ अधिवक्ता अली हैदर व साहब शरण वर्मा ने तहसीलदार पर मुकदमा और साधारण कार्यों में धन की मांग करने का आरोप लगाते हुए तहसीलदार कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए।बार महामंत्री वेद तिवारी ने अधिवक्ताओं को तहसीलदार कार्यालय के सामने से हटाकर बार भवन ले गए और वहां पर आर पार की लड़ाई लड़ने का एलान किया। कहा कि तहसीलदार के विरुद्ध लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को तेज किया जाएगा।घेराव के दौरान दाखिल खारिज के मुकदमे और आबादी के मामलों में की गई धन वसूली का मामला भी अधिवक्ताओं ने खूब उठाया।अधिवक्ता मोहम्मद अयाज खान व पूर्व महामंत्री रमेश शुक्ल ने कहा जब से तहसीलदार के रूप में प्रज्ञा सिंह की तैनाती हुई है,सारे कामों में वसूली बढ़ गई है। आम जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय सारा ध्यान धन वसूली में रहता है।भीषण ठंड में तहसील परिसर में अलाव नहीं जलाया जा रहा है।तहसील भवन के सुंदरीकरण के लिए आए धन में गबन का आरोप लगाया गया। प्रदर्शन के दौरान बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अफसर रजा रिजवी,चौधरी अजीमुद्दीन,गोरख नाथ तिवारी,इंद्रसेन मिश्रा,धनीराम यादव,पूर्व महामंत्री रमेश शुक्ला,कृष्णमगन,गोविंद सिंह,शैलेंद्र सिंह,हरिनारायण यादव,अली हैदर,मोहम्मद अयाज खान, कमरुद्दीन,रमेश सिंह सहित भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।वहीं तहसीलदार प्रज्ञा सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
बार अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि कुछ अधिवक्ता फाइलों के निस्तारण को लेकर तहसीलदार से मिलने गए थे।तहसीलदार ने निस्तारण के बाबत हीला हवाली की व अभद्र व्यवहार किया।नाराज अधिवक्ताओं ने तहसीलदार का घेराव कर नारेबाजी शुरू की। लगभग एक घन्टे तक तहसील परिसर में बवाल चलता रहा और अधिवक्ता तहसीलदार मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।वरिष्ठ अधिवक्ता अली हैदर व साहब शरण वर्मा ने तहसीलदार पर मुकदमा और साधारण कार्यों में धन की मांग करने का आरोप लगाते हुए तहसीलदार कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए।बार महामंत्री वेद तिवारी ने अधिवक्ताओं को तहसीलदार कार्यालय के सामने से हटाकर बार भवन ले गए और वहां पर आर पार की लड़ाई लड़ने का एलान किया। कहा कि तहसीलदार के विरुद्ध लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को तेज किया जाएगा।घेराव के दौरान दाखिल खारिज के मुकदमे और आबादी के मामलों में की गई धन वसूली का मामला भी अधिवक्ताओं ने खूब उठाया।अधिवक्ता मोहम्मद अयाज खान व पूर्व महामंत्री रमेश शुक्ल ने कहा जब से तहसीलदार के रूप में प्रज्ञा सिंह की तैनाती हुई है,सारे कामों में वसूली बढ़ गई है। आम जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय सारा ध्यान धन वसूली में रहता है।भीषण ठंड में तहसील परिसर में अलाव नहीं जलाया जा रहा है।तहसील भवन के सुंदरीकरण के लिए आए धन में गबन का आरोप लगाया गया। प्रदर्शन के दौरान बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अफसर रजा रिजवी,चौधरी अजीमुद्दीन,गोरख नाथ तिवारी,इंद्रसेन मिश्रा,धनीराम यादव,पूर्व महामंत्री रमेश शुक्ला,कृष्णमगन,गोविंद सिंह,शैलेंद्र सिंह,हरिनारायण यादव,अली हैदर,मोहम्मद अयाज खान, कमरुद्दीन,रमेश सिंह सहित भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।वहीं तहसीलदार प्रज्ञा सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
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