अधूरी रातों मे जागते है तीन नैना,
दो की आपस मे बातें होती है, तीसरा तुम्हारी तस्वीर निहारते है..
तुझे तुझसे भी ज्यादा मेरे दोस्त जानते है.............
तुम्हारी सहेलियों को मेरी खबर तक नहीं........
मेरे कमीने दोस्त तुझे भाभी बुलाते है.......
तुझे तुझसे भी ज्यादा मेरे दोस्त जानते है.....
हमारी आँखे तुझे इश्क के बाजार मे भी पहचान लेते है..
तुम्हारी आँखे मुझे वीरानियों मे भी अजनबी बताते है.....
जब तुम चैन से सोते हो.....
तो ये तुम्हे पाने के ख्याल देखते है..
तुझे तुझसे भी ज्यादा मेरे दोस्त जानते है.......
कवि -सिद्धार्थ सिंह
1 comment:
Nice lines 👌
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