संवाददाता तिलक राम मिश्रा
बहराइच। युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभर रही शिवांजलि पांडे जो कि उस गांव से आती हैं जहां पर विकास का बहुत दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं था ,पर आज वह बलरामपुर के लिए और वहां के युवाओं ,महिलाओं के लिए एक विकल्प बनकर उभर रही हैं। क्रिकेट खेलने की लगन और प्रतिभा शुरू से होने के बाद भी गांव से मौका ना मिलने के कारण वह आगे नहीं खेल पाई ।
मुजहनी और सहदेइया में क्रिकेट उद्घाटन के बाद उनकी आंखें भर गई उन्होंने कहा कि आज भी बैट और बॉल का वही तालमेल है पर वक्त बदल चुका है।
शिवांजलि पांडे ने कहा कि ऐसे छोटे-छोटे टूर्नामेंट अगर उनके टाइम पर भी होते तो शायद उन्हें कहीं ना कहीं मौका मिल जाता लेकिन
फ्रेंडली मैच ना मिलने की वजह से ग्राउंड ना होने की वजह से कोच का अभाव होने की वजह से वह आगे नहीं खेल पाई,
लेकिन आज जब इन लोगों को खेलते हुए देखती हूँ और छोटे-छोटे टूर्नामेंट देख कर के मुझे खुशी होती है कि आने वाले समय में कोई लड़का या लड़की अगर जो खेलना चाहता है वह आगे जा सकता है ।
मैच आयोजक- कलीम खान , सिराजुद्दीन खान , मुख्तारूल, शंभू, सनी, आलम, अख्तर,टिंकू और राजन पांडे राज, राहुल,आदर्श खुशी सेवा संस्थान के सभी सदस्य मौजूद रहे
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