सभी पूछ रहे एक सवाल
आखिर इतना क्यूं बवाल
गरिमा तार-तार हुई है
दिल्ली शर्मसार हुई है
अपनों पे हाथ उठाया क्यूं
देश का मान घटाया क्यूं
भला, ये कैसा विरोध है
होश कम ज्यादा जोश है
तलवार भाला रॉड खंजर
क्या आप हैं दिमागी पंचर
अकारण अराजक संग्राम
दूषित हुआ देश का नाम
यह कैसी पिपासा थी ?
क्या रण की अभिलाषा थी ?
इतने निष्ठुर निर्मोही क्यूं ?
अपने वतन का द्रोही क्यूं ?
शोणित हो गई थी धरा
कोई घायल कोई मरा
कायदे कानून को मरोड़ा
सरकारी संपत्ति को तोड़ा
कोई लाठी भांज रहा था
गुप्त मकसद साध रहा था
पक्का सारे फसादी थे
ये उन्माद के साथी थे
तिरंगे से है जिनको वैर
हवालात की कराओ सैर
बच न पाए कोई दंगाई
कीजै सख्ती और कड़ाई
तिरंगे का ऐसा अपमान
नहीं सहेगा भारत महान
गद्दारों को मत माफ़ करो
इस गंदगी को साफ करो
@ मनीष सिंह "वंदन"
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