पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमला*
लिखी रिपोर्ट को गलत साबित करने में लगी रहती है पुलिस*
सवांददाता सुनील कुमार तिलोई अमेठी।भले ही प्रदेश के मुखिया मंच से कहते हो पत्रकार भीड़ का हिस्सा नही उनका सम्मान हो लेकिन अमेठी में पत्रकारों के सम्मान को गिराने में पुलिस कर्मी एड़ी चोटी का जोर लगा देती है।
अमेठी जिला में बीते एक महीना में पत्रकारों पर हमला की बात करे तो गौरीगंज ,जामो थानाक्षेत्र के अलावा शुकुल बाजार थाना के महोना पश्चिम गाँव मे पत्रकार व उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया गया वही अगले ही हफ्ते मोहनगंज थाना के फत्तेपुर में पत्रकार के परिवार पर जानलेवा हमला हुआ लेकिन हर मामले की तरह सभी विवेचना कार्यवाही में पुलिस लेनदेन की आदत के चलते फत्तेपुर के पत्रकार के घर आगजनी भी कर दी जिसमे कार स्कूटी साइकिल व अन्य सामान जला तब कहि जाकर पुलिस अधीक्षक को लगा कि पत्रकार का उत्पीड़न हो रहा है मोहनगंज थाना के प्रभारी को बदल दिया ।पुलिस कार्यशैली की बात करे तो अक्सर फर्जी मामले का खुलासा के नाम पर बेगुनाहों को जेल भेजा जाता है जिसे बड़े बड़े अक्षरों में पत्रकार छापकर उनकी गलती को सही साबित करने की कोशिश करते है लेकिन जब बात पत्रकार की खुद की होती है तो उस पत्रकार के नाम पर विपक्षी से मोटा धन वशुल्कर जेब भरते है वही विवेचना में धारा व नामजद को हटाने के लिए मनमाना धन उगाही करके पत्रकार के मुकदमा को कमजोर करने में कोई कोर कसर नही छोड़ते ।विपक्षी से धन लेना पार्टी लेना आम बात है विवेचना जब न्यायालय पहुचता है तब पता चलता है तब तक विवेचक जिला के बाहर चला जाता है ।आखिर पत्रकार को पुलिस से सम्मान कब मिलेगा यह यक्ष प्रश्न सबके सामने है ,बड़े बड़े बयान देने वाले राजनीतिक व्यक्ति असल मे पत्रकार को सम्मान दिलाने के लिए कब आगे आएंगे।
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