सहरसा संवाद सूत्र दैनिक अयोध्या टाइम्स।सर्दी के दिनों में मरीजों को सावधानियां बरतनी है जरूरी
सुपौल -25 दिसम्बर /ठंड के मौसम का आगाज हो चुका है। इस मौसम में बीमारियां कम सताती हैं। इसलिए चिकित्सक इसे हेल्दी सीजन कहते हैं, लेकिन हृदय और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ठंड खतरनाक होती है। न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे चला गया है। ऐसे में दिल के मरीजों को इसमें खासतौर पर ख्याल रखने की जरूरत है क्योंकि इन दिनों में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल में रक्त और आक्सीजन का संचार कम होने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में सुबह की सैर करने से भी परहेज करें। सायं को एक्सरसाइज कर सकते हैं। इसके साथ ही इन दिनों खाना पीना भी बढ़ जाता है, लेकिन तेलीय और चिकनाई वाले खानपान से परहेज करना चाहिए, नमक कम खाएं।
दिन में भले अभी धूप ठीक नहीं लग रही लेकिन अधिकतर घरों में रात में पंखे बंद हो गए हैं। फिलहाल अभी मौसम में बदलाव से वायरल बुखार व सर्दी-जुकाम का प्रकोप है, लेकिन सर्दी बढ़ने पर ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से पीड़ितों की मुश्किल बढ़ जाएगी।
सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद ने बताया कि ठंड के दिनों में पसीना नहीं निकलता तथा इस कारण शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। सर्दी में शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती हैं, लोग व्यायाम करने से भी कतराते हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ने की आशंका रहती है। खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून में थक्का जमने की आशंका रहती है जो हार्ट के रोगियों के लिये परेशानी का कारण बनती है।रोजाना करें व्यायाम:
सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद ने बताया कि ठंड में खून का दौरा (ब्लड सर्कुलेशन) कम हो जाता और इसलिए रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इस कारण दिल के मरीजों में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। हृदय रोगियों के लिए आवश्यक है कि इस मौसम में कुछ बातों का खास ख्याल रखें। थोड़ा बहुत शारीरिक व्यायाम अवश्य करें। इसके लिए 'रूल ऑफ फॉर' के अनुसार व्यायाम करना चाहिए। इस रूल के मुताबिक हृदय रोगियों को सप्ताह में चार दिन में कुल चालीस मिनट में चार किमी तेज चाल से चलने से लाभ होता है। ध्यान रखना चाहिए कि वातावरण अधिक ठंडा न हो।
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