-अनिल बेदाग़-
मुम्बई : पहले कोरोना महामारी की पीड़ा, फिर सुशांत सिंह राजपूत की आत्म
हत्या से पैदा हुए हालात। सिर्फ एक नहीं, हज़ारों आत्महत्याएं। 2020 सही मायनों में देश-दुनिया के लिए विघटनकारी रहा जिसने बॉलीवुड की भी कमर तोड़ कर रख दी है। इसी दौर में कई कलाकारों ने भी आत्महत्या का रास्ता चुना जो किसी समय सफलता की बुलंदियां छू रहे थे। कई कलाकारों ने कोशिश तो की लेकिन फिर खुद को संभाल लिया।
हत्या से पैदा हुए हालात। सिर्फ एक नहीं, हज़ारों आत्महत्याएं। 2020 सही मायनों में देश-दुनिया के लिए विघटनकारी रहा जिसने बॉलीवुड की भी कमर तोड़ कर रख दी है। इसी दौर में कई कलाकारों ने भी आत्महत्या का रास्ता चुना जो किसी समय सफलता की बुलंदियां छू रहे थे। कई कलाकारों ने कोशिश तो की लेकिन फिर खुद को संभाल लिया।
सुशांत सिंह तो एक प्रतीक था जिसके द्वारा आत्महत्या का कदम उठाना बॉलीवुड की एक कड़वी सच्चाई था। सच्चाई इसलिए क्योंकि इस मायानगरी में ऐसे कई कलाकार हैं जो सुशांत सिंह की तरह कभी भी आत्महत्या करने जैसा कदम उठा सकते हैं। ऐसे हताश कलाकारों को सचेत करने और उन्हें सही रास्ते पर लाने के मकसद से ही निर्माता और अभिनेता संतोष राज ने शॉर्ट स्टोरी 'व्हाई- डेथ इज नॉट जस्टिस ' तैयार की है जिसमें संतोष राज का साथ दिया है रोहित राजावत ने, जो फ़िल्म में संतोष राज के दोस्त का किरदार निभा रहे हैं। संतोष कहते हैं कि देश में जिस तरह के हालात चल रहे हैं, ऐसे में इस विषय को उठाना बेहद जरूरी था। एक्टर होने के नाते मैं एक्टिंग करने वालों की तकलीफ समझता हूँ इसलिए हताश या डिप्रेशन से गुज़रते कलाकारों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुझे इस मुद्दे पर फ़िल्म बनाने के लिए तैयार होना पड़ा। संतोष भरोसा दिलाते हैं कि यह फ़िल्म निराश लोगों में ज़िन्दगी को नए सिरे से जीने का उत्साह पैदा करेगी और हताश कलाकार इस विनाशकारी रास्ते की तरफ नहीं जाएंगे। राइट चॉइस एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्देशक लकी हाशमी हैं।
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