Tuesday, November 10, 2020

आप के लिए दुनियां में सब  कुछ संभव है !

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन में एक समानता थी साथियों ये दोनों ही अपने आप को निरंतर सार्थक विचारो से ऊर्जावान बनाए रखते थे ।याद रखना आप दृढ़ निश्चय वाले व्यक्ति कभी भी हार नहीं मानते हैं ,जब तक दोस्त हम प्रयत्न करना बंद नहीं कर देते ,तब तक कोई भी हार अंतिम हार नहीं होती है।हमें भी अपने  मार्ग पर निरंतर चलते रहना चाहिए,आप भी आज ही उमंग और कल्पना की उड़ान की सहायता से जीवन में ऊंचे लक्ष्यों को अपने मस्तिष्क में संजोइए।

देखो साथियों दुनिया में सब कुछ सम्भव है, और आख़िर तक हार न मानने वाले एक दिन जीत ही जाते हैं।

आप ही देखो साथियों जो बाइडेन 7 नवंबर 1972 को पहली बार अमेरिकी सीनेट के लिए चुने गए थे।आज 48 साल बाद नवंबर 2020 में  पहली बार राष्ट्रपति बने। अब जब बाइडेन राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए हैं तब उनकी उम्र 78 वर्ष है, वो अमेरिकी इतिहास के सबसे जवान सीनेटर बने थे और सबसे बूढ़े राष्ट्रपति बने हैं। वैसे दोस्त आम भारतीयों को इससे कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता कि अमेरिका का राष्ट्रपति कोई डेमोक्रेट बनता है या रिपब्लिकन लेकिन इस बात से ज़रूर फ़र्क़ पड़ता है कि दुनिया में कुछ भी संभव है या कहा जाए कि सब कुछ संभव है। ट्रम्प पिछली बार राष्ट्रपति बनने के सिर्फ़ एक साल पहले राजनीति में आए थे और बाइडेन पिछले 48 साल से राजनीति में हैं लेकिन राष्ट्रपति बने वो अब जाकर।इस बीच एक और बात जो जानने योग्य है वो ये कि बाइडेन का बेटा राष्ट्रपति पद का तगड़ा उम्मीदवार माना जाने लगा था, लेकिन बदकिस्मती से 46 वर्ष की उम्र में उसकी मौत हो गयी और अपने बेटे का अधूरा सपना पूरा करने के लिए जो बाइडेन अब जाकर देश के 46 वें राष्ट्रपति बन रहे हैं।तो कुल मिलाकर ऐसा है कि दुनिया में सब कुछ संभव है, और आख़िर तक हार न मानने वाले एक दिन जीत ही जाते हैं।याद रखना आप दोस्त आप के ही भीतर सभी शक्तियां निहित है,महान से महानतम बनने के बीज आपके अंत:करण में मौजूद हैं, लेकिन जब तक आप इन शक्तियों को विकसित नहीं करेंगे,आपको जीवन में सफलता हासिल कैसे होगी?याद रखना आप बीज से अंकुर तभी फूटता है ,जब वह फटता है और बाद में यहीं अंकुर एक महा वृक्ष बन जाता है।याद रखना आप जो भी व्यक्ति अपने शक्तियों को पहचान लेता है, वही सफलता के शिखर पर पहुंचता है,बाकी लोग तो केवल समय पुरा करने के लिए इस धरती पर आते हैं और गुमनामी की मौत मरकर भुला दिए जाते हैं।आप प्रभु  के संतान ,अमर आंनद के हिस्सेदार ,पवित्र और पूर्ण हो,इसीलिए खुद के अंदर के शक्तियों का महा वृक्ष को विकसित करने के लिए निरंतर सार्थक प्रयास करते रहिए ,देखना आप भी एक दिन जरूर सफल होंगे।।

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