हिंदी में बिन्दी
श्रृंगार में मेहंदी
भाषा की स्कंदी |१|
है आर्यभाषा
आत्मा की परिभाषा
मिटे निराशा |२|
धर्म आधार
उपदेश प्रचार
मिले संस्कार |३|
छदं से अलंकृत
रिश्ता संस्कृत
है ज्ञान कृत |४|
ढोलक वजी
संगीत से है सजी
आदर में जी |५|
भाषा लहर
राष्ट्र की धरोहर
है मनोहर |६|
देश की शक्ति
सहज अभिव्यक्ति
मातृत्व भक्ति |७|
है अभिमान
हिन्दुस्तान की शान
बढाती मान |८|
पूर्व सैनिक
प्रमोद कुमार चौहान
No comments:
Post a Comment