हिमांशु प्रताप सिंह ब्यूरो पीलीभीत
उपनिदेशक की जांच में ग्राम प्रधान दोषी, फिर भी नही हुई कार्रवाई
हजारा-पीलीभीत। ग्राम पंचायत में घोटालों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने पिछले वर्ष जिला कृषि उप निदेशक को जांच अधिकारी नामित किया था। आदेश के उपरांत 11 दिसंबर को जांच अधिकारी यशराज सिंह ने जांच में प्रधान को उक्त मामले में दोषी ठहराने के बाद जांच फ़ाईल डीपीआरओ को सुपुर्द कर दी। एक पखवाड़े के बाद जांच आख्या मांगी थी। लेकिन डीपीआरओ ने जांच आख्या जिलाधिकारी को नहीं भेजा। इसके चलते प्रधान पर अब तक कोई कार्रवाई नही हुई है।ट्रांस शारदा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिद्धनगर में विकास कार्यों के नाम पर फर्जी तरीके से लाखों रुपयों गबन करने का मामला काफी अरसे से चल रहा है। उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश उप निदेशक अधिकारी यशराज सिंह को देकर जांच करने के लिए कहा था। इसपर उपनिदेशक अधिकारी ने गांव सिद्धनगर पहुंचकर गाँव की सडकों पर खड़जा कार्य, नाली निर्माण एवं अन्य कार्यो में जांच कर प्रधान द्वारा किये गये घोटाले की पुष्टि की गई थी। उपनिदेशक अधिकारी ने 11 दिसम्बर 2019 को सिद्धनगर ग्राम निधि से कराये गये कार्यो का निरीक्षण किया था। इसमें ग्राम प्रधान नीरज मिश्रा दोषी करार पाई गईं। जांच अधिकारी यशराज सिंह ने प्रधान की जांच फ़ाईल डीपीआरओ को सौंप दी थी। लेकिन फ़ाईल डीपीआरओ कार्यालय में रोके जाने से प्रधान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इंसेट-
जांच में इन बिन्दुओं पर मिली थी गड़बड़ी
वर्ष 2017-18 में राम प्रयाग सिंह के घर से मेन रोड तक नाली निर्माण कराये बगैर 230000 रुपये निकाल लिया गया। नाली निर्माण धरातल पर नही किया। उसी नाली निर्माण कार्य के लिये 2020-21 में कार्य योजना लिस्ट में धनराशि स्वीकृत की गई। मक्खन सिंह के घर से तरसेंम सिंह के घर तक मिट्टी भराव व खड़जा कार्य किये बिना पैसे निकाल लिया गया। 2017-18 में झिंगुरी यादव के घर से महेश कन्नौजीया के घर तक नाली एवं खड़ांजा किये बिना रुपये को निकाला। प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय सिद्धनगर में शौचालयों में टायल्स लगवाने, सफाई करवाने के लाखों रुपये का घोटाला। इसके साथ ही हैंडपम्प रिबोर, कूड़ेदान, ह्यूम पाइप, में लाखों रुपयों का बंदरबाट किया गया था। शिकायतकर्ता दिलीप कुमार, धीरेन्द्र शर्मा ,ने बताया की प्रधान ने ग्रामनिधि खाते से अपने व अपने पति राजेश मिश्रा के खाते में पैसे ट्रांसफर कर व नगदी निकाल ली है। आरोप लगाया की मुख्यमंत्री पोर्टल आईजीआरएस पर शिकायत करने पर एडीओ पंचायत अधिकारी जिले के उच्च अधिकारियो को झूठी रिपोर्ट लगाने में व्यस्त हैं।इंसेट बयान- राजकुमार, डीपीआरओ रक्षाबंधन के बाद दिखवाते है, सिद्धनगर की फाइल कहां है। मुझे अभी इस बारे में अधिक जानकारी नही है
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