ओ यारा ओ यारा
क्यूँ क्यूँ क्यूँ ये सितम
इतना तड़पाये मुझे
हर घड़ी ढाये सितम
ओ यारा••••••••••••••••
देख के तेरे यौवन
जले मेरा तन बदन
हसरते हिलोर मारे
कब आये तुझे रहम
कैसे कहूँ मैं तुझसे
तेरे बिना आये न चैन
ओ यारा ------------
दूर न रह पायेंगे हम
एक पल बिन तेरे सनम
इंतजार में तेरी
कैसे कटे यह दिन
वो घड़ी की आस में
पलक बिछाये राह में
ओ यारा -------------
तू आकर मिले
एक जन्नत मिले
मैं बादल तू बरखा
धरती पर बरस पडे
फिर आये शीतल चाँदनी
तू लिपटी रहे बन चकोर
ओ यारा-------------
आशुतोष
पटना बिहार
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