पत्रकार:-प्रशान्त यादव
मैनपुरी। सात फेरों के वचनों में जीवन के हर सफर पर साथ निभाने का वादा तो सभी करते हैं, लेकिन एक दंपती ऐसा भी था, जिसने आखिरी सफर पर एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। एक साथ ही दोनों ने जिंदगी को जिया तो एक साथ ही वे दुनियां को अलविदा कह गए। शनिवार को एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार हुआ तो हर आंख नम थी।
थाना दन्नाहार क्षेत्र के गांव गांगसी निवासी रामचंद्र का पुत्र हंसराज और उसकी पत्नी मीरा एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। सैफई में उपचार के दौरान मौत के बाद जब शनिवार को उनके शव गांव पहुंचे तो हर आंख नम थी। परिवार के साथ-साथ गांव हर शख्स निशब्द था। हर कोई बस एक ही बात कह रहा था कि दोनों ने आखिरी सफर पर भी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। अभी तीन माह पहले उनकी शादी का दृश्य भी हर आंख में ताजा था। वहीं जब एक साथ उनकी अर्थी उठी तो पूरा गांव रो पड़ा। गांव के बाहर खेत पर एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया तो हर आंख छलक उठी।
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