*पुष्पेंद्र सिंह सवांददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ*
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक तरफ कोरोना ने अपना आतंक धा रखा है। वहीं दूसरी तरफ गाय के नाम पर प्रदेश में आने वाली योगी सरकार ने गौ हत्या को जघन्य अपराध घोषित किया था इतना ही नही गौ के संरक्षण के लिए भी तमाम इंतेज़ाम किये थे बावजूद इसके गौ हत्या करने वाले लोग बेखौफ हो कर अपने काम को अंजाम देने में लगे हैं और प्रशासन उन्हें सजा दिलाना तो दूर घटना पर पर्दा डालने पर लगा हुआ है जिसकी बानगी राजधानी के ठाकुरगंज थाने के अंतर्गत आइ है।
राजधानी लखनऊ के थाना ठाकुरगंज की रिंग रोड चौकी के अंतर्गत बुधवार 13 मई की रात दो गायें काट दी गईं जिसके अवशेष से इस बात की तस्दीक हो पाई है रिंग रोड चौकी के पास मलपुर गांव में एक व्यक्ति की गाय जो घर के बाहर थी उसे रातो रात काट दिया गया।पीड़ित ने बताया कि सुबह जब कुत्ते को उसने गायों की सींग नोचते हुए देखा तब उसे सारी जानकारी पता चली वही उसका कहना है कि रात के अंधेरे में जब इस घटना को अंजाम दिया गया तब उसे कुछ आहट ज़रूर हुई लेकिन डर के कारण वो घर से नही निकला उसने बताया कि उसकी दो गाये ऐसे ही पहले भी गायब कर के काटी जा चुकी हैं। इस घटना ने योगी सरकार की गौ रक्षा मुहिम को तार तार कर दिया है पुलिस चौकी के पास इस तरह की गौकोशी से पुलिस का सुस्त रवैया भी सामने आया है जो रात के अंधेरे में ऐसे अपराध की उसे कोई भनक तक नही लग पाती ताज़्ज़ुब है और यकीन करना भी मुश्किल है कि गौकशी की इस घटना से पुलिस वाकई में अनजान थी।फिलहाल गायों के गायब होने के मामले में पीड़ित सुंदर लाल लोधी ग्राम मल्हपुर निवासी ने गाय के गायब होने की तहरीर ठाकुरगंज थाने में दे दी है साथ ही उसने बीती रात की घटना का ज़िक्र भी किया है कि किस तरह सुबह उनको उनकी गाय की खाल और सींग खेत मे पड़े मिले थे जिससे गौकशी की आशंका हो रही है। परंतु इस विषय पर चौकी प्रभारी घटना की तफ्तीश करना तो दूर फरियादी को गाय ढूंढने की बात कह रहे हैं जबकि फरियादी कुत्तों द्वारा गाय की खाल और सींग खाने की बात बराबर कह रहा है लेकिन चौकी प्रभारी उसकी बात को नजरअंदाज कर रहे हैं फरियादी ने उच्च अधिकारियों से उपरोक्त प्रकरण पर जांच कराए जाने की मांग की है।
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