*ब्यूरो रिपोर्ट विनय सिंह*
विकास खंड सिद्धौर क्षेत्र के विभिन्न चौराहों पर संचालित झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक की जांच के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उच्च अधिकारियों के निर्देशों को दरकिनार कर गठित टीम द्वारा महज खानापूर्ति की जा रही है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लोगों की सुरक्षा के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा विकासखंड सिद्धौर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोतिक पुर पर तैनात डॉ वंदना सिंह को अध्यक्ष सिद्धौर सीएचसी पर तैनात ब्लाक ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर दिवाकर वर्मा ए आर ओ अशोक कुमार द्विवेदी आदि की टीम उच्च अधिकारियों द्वारा इस उद्देश्य से की गई थी कि क्षेत्र में अवैध क्लीनिक संचालित कर भोले भाले गरीब किसानों और मजदूरों को लाल पीली गोलियां देकर पैसा ठगने का काम कर रहे हैं ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं सूत्रों की माने तो गुरुवार को उच्च अधिकारियों की गठित टीम द्वारा क्षेत्र के कई स्थानों पर अवैध रूप से संचालित क्लीनको पर छापेमारी की गई, लेकिन टीम द्वारा अवैध क्लीनिक संचालकों को मात्र एक नोटिस देकर ही अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली गई। जबकि पूरे क्षेत्र में चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सेमरावां, सिद्धौर, में कई झोलाछाप चिकित्सकों की क्लीनिक सीज कर दिया गया था लेकिन अवैध क्लीनिक संचालकों के काफी मान मनौवल के बाद उन्हें नोटिस देकर ही छोड़ दिया गया है। वही इस संबंध में टीम की अध्यक्ष डॉ वंदना सिंह से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया तो बड़ी देर बाद उनका फोन उठा और उनके द्वारा बताया गया कि हम आपको जानकारी नहीं दे सकते आप हमें फर्जी परेशान न करें आप हमारे अधिकारी नहीं है कौन से झोलाछाप क्लीनिक संचालक के खिलाफ क्या कार्रवाई करना यह हम लोग अपने हिसाब से तय करेंगे वही जब इस संबंध में सीएससी प्रभारी डॉ हरप्रीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों द्वारा लोगों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में अबैध रूप से संचालित झोलाछाप चिकित्सकों पर अंकुश लगाने के लिए टीम का गठन किया गया है जो क्षेत्र में कार्य कर रही है। और जल्द ही अपनी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भेजेगी।
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