वैश्विक महामारी ने विश्व समुदाय के सभी देशों संस्थानों व व्यक्तियों के जीवन और सोच को प्रभावित किया है मेरा मानना है कि हर प्राकृतिक आपदा कोई न कोई सीख देती है हमें लेकिन दुख की बात यह है कि लगभग 100 वर्ष पहले भी एक वैश्विक महामारी स्पेनिश फ्लू के कारण दुनिया की बहुत बड़ी आबादी का सफाया हो गया था लेकिन मानव समाज ने उसकी अनदेखी करते हुए एकांगी विकास की राह पकड़ी लेकिन इस बार खास बात यह है कि एकांगी विकास के मानको पर सबसे आगे रहने वाले देश भी बुरी तरह आहत हुए हैं दोस्तों अब पूरे विश्व समुदाय को मानवता के अस्तित्व पर आने वाली संभावित संकटों से बचाव के रास्ते तलाशने होंगेl
दूसरी तरफ नौकरी जाने की चिंता से देश में घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं लॉकडाउन से घरों में बंद लोगों में आपसी तनाव के मामले बढ़ रहे हैं दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के प्रति दिन आ रहे हैं मामले 1400 से अधिक कॉल वही अपहरण और दुष्कर्म के मामले घटे हैं पहले से दोस्तों लॉकडाउन के कारण घरों में कैद हुए पति- पत्नी के रिश्ते में दरार आ रही हैं इस दौरान घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं मैं खुद अपने आस- पड़ोस में ऐसी घटनाएं देखा दोस्तों लॉकडाउन में अनेक क्षेत्रों की नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है नौकरियों को खोने की चिंता से लोगों में तनाव बढ़ा है और इसकी वजह से घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए हैं दोस्तों पुरुषों को अपने रोजगार की चिंता सता रही है और मध्यम वर्ग के पास आय का कोई साधन नहीं बचा है और शर्मिंदगी के कारण वह किसी से मदद लेने में भी संकोच कर रहे हैं यही कारण है कि यह तनाव घरेलू हिंसा के रूप में सामने आ रहा है दोस्तों पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनीयो गुटेरेस ने कई बार टवीट कर महिलाओं के प्रति हो रही घरेलू हिंसा की तरफ लोगों का ध्यान खींचा उन्होंने कहा कि शांति का मतलब केवल युद्ध के ना होने की स्थिति नहीं है यह घरेलू वातावरण में महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा ना होने से भी है इसलिए दोस्तों घरेलू हिंसा को रोकने के लिए ध्यान रखें कि शिकायत करने और ताने देने की बजाय प्रशंसा कर काम लेने की तकनीक हमेशा ज्यादा कारगर होती हैं अगर आपका साथी कोई काम बेहतर ढंग से नहीं कर पा रहा है तो इसके लिए उसे दोष देने की बजाय उसे खुद करने की कोशिश करें और अपने काम में व्यस्त रहें मनुष्य का स्वभाव खुद को दूसरों के मुताबिक ढालने की वजह अपने मुताबिक बदलने की कोशिश होती है इसीलिए अक्सर घरेलू हिंसा या किसी प्रकार का तनाव होता है
कवि विक्रम क्रांतिकारी(अंतरराष्ट्रीय चिंतक -विक्रम चौरसिया)
दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता -9069821319
लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते-स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लिखें l
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