Sunday, May 3, 2020

तस्वीर तेरे दिल मे





जज्बातों को पंख मिले अब उन्मुक्त उड़ना है।

तस्वीर तेरे दिल मे जो बसी उसका दीदार करना है।।

जीत लेते हम तुम्हें यूँ ही  लेकिन जमाना पीछा करता है।

जहाँ भी तुम जाओ ये दिल वहीं ठहरता है। 

वो दहशत आज भी अक्सर सताती है हमें।

जब उमंग से हम तुम झूम रहे थे और हादसा हो गया।।

टूट गए अरमान हमारे शीशे की तरह बिखर गया।

क्या लिखा था मुकद्दर में पल में सब मिट गया।।

तुम जहाँ भी हो तस्वीर दिल में बसाए रखना।

मैंने तो तेरी पूजा की है तुझे ही भगवान माना है।।

डॉ. राजेश पुरोहित

भवानीमंडी



 

 




 


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