श्री जावडेकर ने कहा कि जहां एक ओर सामुदायिक रेडियो की स्थापना के दौरान होने वाले खर्च का 75 प्रतिशत मंत्रालय द्वारा वहन किया जाता है और उसमें प्रमुख खर्च शामिल होते हैं, वहीं दैनिक परिचालन के खर्च स्टेशन द्वारा वहन किए जाते हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने इंगित किया कि वर्तमान में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को विज्ञापन के लिए 7 मिनट प्रति घंटा एयर टाइम की अनुमति होती है, जबकि टीवी चैनलों को 12 मिनट के एयर टाइम की इजाजत मिलती है। उन्होंने कहा कि वह समस्त रेडियो स्टेशनों को समान समय प्रदान करने के लिए उत्सुक हैं, ताकि उन्हें निधियों की मांग करने की आवश्यकता न हों और स्थानीय विज्ञापनों का प्रसारण सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर किया जा सके।
अपनी आरंभिक टिप्पणियों में श्री जावडेकर ने कहा कि सामुदायिक रेडियो अपने आप में समुदाय है। उन्हें ‘परिवर्तन के वाहक’ करार देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि ये स्टेशन रोजाना लाखों लोगों तक पहुंच बनाते हैं और मंत्रालय जल्द ही ऐसे रेडियो स्टेशनों की संख्या में वृद्धि करने की योजना लाएगा।
जनता से कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने का आह्वान करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि हम इसे भी उसी तरह दूर भगाएंगे, जैसे हमने दूसरी बीमारियों को दूर भगाया है। हालांकि उन्होंने कहा कि अब नए तरह के हालात हैं, जिसमें 4 कदम शामिल हैं अर्थात जितना ज्यादा से ज्यादा संभव हो सके घर में रहना, बार-बार हाथ धोना, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना और सामाजिक दूरी बरकरार रखना।
सामाजिक दूरी और आर्थिक गतिविधि की चुनौतियों के बीच असमंजस के बारे में बोलते हुए श्री जावडेकर ने ‘’जान भी जहान भी’’ का मंत्र दोहराया और कहा कि कंटेनमेंट जोन्स में प्रतिबंध जारी हैं, जबकि ग्रीन जोन्स में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के अपने चैनलों पर समाचारों के प्रसारण से संबंधित प्रमुख मांग का भी जिक्र किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर उसी तरह समाचारों के प्रसारण की अनुमति देने पर विचार करेंगे, जिस प्रकार एफएम चैनलों के साथ किया गया है। उन्होंने इन स्टेशनों को प्रोत्साहित करते हुए कि ये स्टेशन फेक न्यूज की बुराई से निपटने में प्रमुख भूमिका निभा सकेंगे। उन्होंने कहा कि ये स्टेशन ऐसी खबर का संज्ञान लेकर और स्थानीय स्रोतों से उसकी पुष्टि करवाकर कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने इन स्टेशनों को ऐसी खबरों को ऑल इंडियो के साथ भी साझा करने को कहा, ताकि सत्य की पहुंच को व्यापक बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने पीआईबी के अंतर्गत फैक्ट चेक सेल बनाया है और सामुदायिक रेडियो फैक्ट चेक सेल की भूमिका को भी पूर्णता प्रदान कर सकते हैं।
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री द्वारा हाल ही में प्रस्तुत किए गए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के बारे में श्री जावडेकर ने कहा कि यह एक समग्र पैकेज है, जिसमें कृषि और उद्योग सहित विविध क्षेत्रों के सुधारों को शामिल किया गया है तथा इस पैकेज का लक्ष्य आयात घटाना और निर्यात बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि पैकेज को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और जनता इस प्रोत्साहन से प्रसन्न है।
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