आज कोविड - 19 महामारी दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुकी है ।दिसंबर 2019 से चीन के वुहान में सबसे पहले शुरु होने वाले वायरस का सम्बन्ध ऐसे परिवार से है, जिसको पहले कभी नहीं देखा गया। इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश तथा नाक बहना जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं ।इस वायरस की मुख्य समस्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने के कारण है । कोरोना के संक्रमण के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए केवल मात्र सावधानी रखने की ही आवश्कता है, ताकि इसे फैलने से रोका जा सके। दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है की इस वायरस की रोकथाम करने वाला कोई टिका या दवाई अभी नहीं बन पायी है।इससे बचने का एक मात्र उपाय है , इस संक्रमण की जंजीर को तोड़ना । इसलिए विविध देशों में लोकडाउन लगाये जा रहे हैं, जिससे कम से कम घर से लोग बाहर निकलें ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण ना फैल सके ।कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतु ही सभी देशों में लोगों से अपील की जा रही है कि वे सभी घर पर ही रहें। भारत ने भी लोकडाउन के 3 चरण पूर्ण कर लिए हैं तथा चौथा चरण जारी है । सम्पूर्ण विश्व के वैज्ञानिक संगठन कोविड-19 से बचाव के लिए टीका या दवाई बनने में निरंतर जुटे हुए हैं ।इस भयानक महामारी ने लोगों के उद्योग- धन्धों को बहुत हानि पहुंचाई ।घर पर दिन रात रहने के कारण लोंगो की मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ रहा है ।ऐसे समय में नाकरात्मकता आ जाना स्वाभविक है जिसके कारण लोगों में भय, मानसिक अशांति और अजीब प्रकार की बेचैनी से लोग परेशान हैं। ऐसे में आवश्कता है कि हम आशावादी और साकरात्मक सोच अपनाये।तभी हम इस महामारी को आत्म- शक्ति से लड़ पायेंगे। भारतीय संस्कृति तो अपने विराट तथा आशावादी स्वरूप के लिए सदैव से विश्व- विख्यात रही है। वर्तमान स्थिति में हम सभी को सर्वप्रथम धैर्य से काम लेते हुए व्यवहारिक रूप से सरकार के आदेशों का पालन करना होगा।इस महामारी के संकट के महत्व को यथार्थ में समझना होगा और हम सबको सामाजिक दूरी बनाकर रखनी होगी।तभी पूरा संसार कोविड- 19 जैसी विश्व- महामारी से संघर्ष करते हुए विजयी होकर अपने सामान्य जीवन में वापस आ सकता हैं ।इसलिए आशावादी और साकारत्मक सोच रखें, स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें ।
No comments:
Post a Comment