क्षेत्र के सतत और समावेशी विकास को बरकरार रखते हुए पश्चिमी घाटों की जैव विविधता के संरक्षण और सुरक्षा के लिएभारत सरकार ने डॉ. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कार्यदल का गठन किया था। समिति ने सिफारिश की थी कि छह राज्यों -केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में आने वाले भौगोलिक क्षेत्रों को पारिस्थितिकीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जा सकता है। ईएसए में अधिसूचित किए जाने वाले क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए अक्टूबर 2018 में एक अधिसूचना का मसौदा जारी किया गया।
राज्य इस बात पर एकमत थे कि पश्चिमी घाटों के महत्व को देखते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हालांकि, राज्यों ने उक्त अधिसूचना में उल्लिखित गतिविधियों और क्षेत्र के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। यह तय किया गया था कि राज्य के विशिष्ट मुद्दों पर और अधिक विचार विमर्श किया जाएगा ताकि इस मुद्दे पर आम सहमति बन सके। राज्यों ने पारिस्थितिकीय और पर्यावरणीय हितों की रक्षा करते हुए आरंभिक अधिसूचना शीघ्र जारी करने की इच्छा व्यक्त की है।
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