श्री पासवान ने निर्धनों एवं प्रवासी मजदूरों को सही समय पर खाद्यान्न एवं दलहनों के वितरण तथा एक देश एक राशन कार्ड की पहल के साथ आगे बढ़ने के लिए राज्यों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी संतोष जताया कि खाद्यान्न की खरीद अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने आज यहां वीडियो कांफ्रेस के जरिये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों एवं खाद्य सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की।
देश के विभिन्न राज्यों के खाद्य मंत्रियों एवं खाद्य सचिवों के साथ बातचीत करते हुए श्री पासवान ने कहा कि उन्हें खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे कि कोई भी भूखा न रहे। मंत्री ने जोर देकर कहा कि ‘अम्फान‘ तूफान से प्रभावित ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को भी तूफान से पीड़ित लोगों की देखभाल करनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि एफसीआई खाद्यान्न वितरण की जीवन रेखा बन गया है और वायु, समुद्र एवं रेल के जरिये देश भर में खाद्यान्नों एवं दलहनों का वितरण किया जा रहा है। मंत्री ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्यान्नों एवं दलहनों के वितरण का जायजा लिया। उन्होंने प्रत्येक राज्य द्वारा अर्जित की गई सफलता एवं बाधाओं तथा विशिष्ट परेशानियों को सुना। उन्होंने एक देश एक राशन कार्ड (ओएनओएस) स्कीम के कार्यान्वयन का भी जायजा लिया।
आत्म-निर्भर भारत पैकेज
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आत्म-निर्भर भारत पैकेज के तहत प्रवासी मजदूरों के बीच निशुल्क वितरण के लिए पहले ही 8 एलएमटी गेहूं/चावल और 39,000 एमटी दलहन जारी कर दिया है। केंद्र सरकार 8 करोड़ प्रवासी/फंसे हुए मजदूरों को 5 किग्रा निशुल्क गेहूं/चावल प्रति व्यक्ति प्रति महीने तथा 1.96 प्रवासी परिवारों, जो एनएफएसए या राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की किसी पीडीएस योजन के तहत शामिल नहीं हैं, को दो महीने (मई एवं जून 2020) के लिए प्रति परिवार प्रति महीने एक किग्रा दाल वितरण कर रही है। खाद्यानों का वितरण 15 जून, 2020 तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। श्री पासवान ने कहा कि 17 राज्य आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत पहले ही खाद्यान्न उठा चुके हैं और हरियाणा तथा त्रिपुरा ने इस स्कीम के तहत खाद्यान्नों का कवतरण भी आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यों के भीतर परिवहन, डीलरों के मार्जिन आदि सहित इस स्कीम की 3500 करोड़ रुपये की समस्त लागत का निर्वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अग्रिम रूप से लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन उनसे 15 जुलाई, 2020 तक खाद्यान्न की वितरण की रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया जाता है।
पीएम-जीकेएवाई स्कीम
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) स्कीम के तहत वैसे यूटी जो डीबीटी मोड पर हैं, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को अप्रैल से जून 2020 के तीन महीनों की अवधि के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न वितरित किए जा रहे हैं।
श्री पासवान ने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत लगभग सभी राज्यों (पंजाब, सिक्किम, दिल्ली, मध्य प्रदेश एवं झारखंड को छोड़कर जहां अप्रैल के लिए वितरण 75 प्रतिशत से कम है) द्वारा अप्रैल 2020 महीने के लिए 90प्रतिशत खाद्यान्नों का वितरण किया जा चुका है। राज्यों द्वारा वर्तमान महीने के लिए लगभग 61 प्रतिशत खाद्यान्नों का वितरण किया जा चुका है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल मणिपुर, केरल एवं बिहार ने अभी तक मई महीने के लिए खाद्यान्नों का वितरण आरंभ नहीं किया है या यह 10 प्रतिशत से कम है।
पीएम-जीकेएवाई के तहत दलहनों का वितरण
पीएम-जीकेएवाई स्कीम के लिए अगले तीन महीनों के लिए कुल दलहन आवश्यकता 5.87 एलएमटी की है। जैसाकि नाफेड द्वारा सूचित किया गया है लगभग 4.05 एलएमटी दलहन भेजी जा चुकी है। राज्यों ने 3.02 एलएमटी दलहन प्राप्त कर लिया है और लगभग 1.27 एलएमटी दलहन 21 राज्यों एवं 5 यूटी के लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं। श्री पासवान ने कहा कि 5,000 करोड़ रुपये की इस स्कीम के वित्तीय बोझ का निर्वहन भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
श्री पासवान ने सूचित किया कि एनएफएसए के तहत आवंटित खाद्यान्नों के 93 प्रतिशत से अधिक का अप्रैल, 2020 में संवितरण किया जा चुका है, मई महीने के लिए कुल खाद्यान्न आवंटन का 75 प्रतिशत राज्यों द्वारा वितरित किया जा चुका है।
एक राष्ट्र एक कार्ड स्कीम
एक राष्ट्र एक कार्ड (ओएनओसी) स्कीम के तहत पीडीएस लाभार्थी ‘एक राष्ट्र एक कार्ड‘ द्वारा कवर होने वाले सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कहीं भी बायोमीट्रिक सत्यापन के साथ किसी एफपीएस दुकान में अपना राशन ले सकते हैं। 1 मई, 2020 तक 17 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एक राष्ट्र एक कार्ड स्कीम में शामिल हो चुके हैं। तीन और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ओडिशा, नागालैंड एवं मिजोरम जून 2020 तक इसमें शामिल हो जाएंगे और अगस्त 2020 तक उत्तराखंड, सिक्किम तथा मणिपुर के आनलाइन प्लेटफार्म पर जुड़ जाने के बाद कुल 23 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इस स्कीम के हिस्सा बन जाएंगे। श्री पासवान ने कहा कि सरकार 31 मार्च, 2021 तक ओएनओसी स्कीम के तहत देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करने की योजना बना रही है।
खाद्यान्नों की खरीद
(गेहूं/चावल)
अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मंत्री को जानकारी दी कि 21 मई 2020 तक संचयी गेहूं खरीद आरएमएस 2020-21 में 319.95 एलएमटी रही है जो कि पिछले वर्ष 2019-20 के दौरान 326.15 एलएमटी रही थी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गेहूं खरीद 1.90 प्रतिशत कम रही है क्योंकि कोविड-19 के कारण खरीद देर से आरंभ हुई। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त सावधानी बरतने के बाद और मंडियों में सोशल डिस्टैंसिंग सुनिश्चित करते हुए खरीद की जा रही है। श्री पासवान ने कहा कि खरीद की वर्तमान गति को देखते हुए सीजन के लिए 400 एलएमटी का लक्ष्य अर्जित कर लिये जाने की उम्मीद है।
21 मई 2020 तक संचयी चावल खरीद केएमएस 2019-20 में 460.89 एलएमटी रही है जो 2018-19 के दौरान 407.86 एलएमटी की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
श्री पासवान ने कहा कि लाकडाउन द्वारा पेश की जा रही व्यापक चुनौतियों के बीच इस उत्साहवर्धक खरीद भारत सरकार और राज्य सरकारों के बीच व्यापक टीम वर्क का परिणाम है। केंद्रीय पूल में ऐसे मजबूत प्रवाह के साथ, एफसीआई वर्तमान संकट के दौरान लोगों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए खाद्यान्न की सभी अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद जल्द ही नए स्टाक से अपने भंडारों को फिर से भर लेने में सक्षम हो जाएगा। एफसीआई के पास 600 से अधिक एलएमटी का आरामदायक खाद्यान्न भंडार है जबकि एनएफएसए एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांगों को पूरा करने के लिए लगभग 60 एलएमटी खाद्यान्न की आवश्यकता होती है।
खाद्य सब्सिडी
श्री पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा 01 जनवरी, 2020 से अभी तक राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 28,847 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी की गई 12,356 करोड़ रुपये की सब्सिडी की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।
उन्होंने उल्लेख किया कि विभाग खाद्यान्न की खरीद के विकेंद्रीकरण में राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की पूरी तरह सहायता करता रहा है।
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