बढ़ती महामारी में मज़दूर अपने घर लौट रहे और कल औरैया में हुई घटना दिल दहलाने वाली थी।
आज सरकार के आदेश का पालन अधिकारियों ने सही से किआ होता तो वो 24 मज़दूर मरते नही। ये बेहद दुखद पूर्ण है और इसे गंभीरता से लेना पड़ेगा। आखिर कब तक बेचारे गरीब मज़दूर यूँ ही सड़क और पटरियों पर अपनी जान गंवाते रहेंगे। पूर्णबन्दी और कोरोना ने उनकी आय छीन कर मार रखा और बाकी ये हादसे जान ले रहे। सरकार को चाहिए सभी अधिकारियों को शसक्त आदेश किआ जाए और उसका पालन हो। अगर ऐसे चलता रहा तो निःसन्देह मज़दूर मरते रहेंगे और हम बस निंदा प्रकट करते रह जाएंगे।
सरकार ने अपने समय पर आदेश और बसों का प्रबन्ध कर दिया है लेकिन यह राज्य और देश इतना छोटा नहीं कि कुछ बसें सभी मज़दूरों को उनके आवास तक पहुँचा देंगे लेकिन सरकार की कोशिश सराहनीय है।
लेकिन कल हुई घटना शासन के आदेश का न पालन होने वाले अधिकारियों पर प्रश्न खड़ा करती है ।देखते है सरकार इस मामले को कैसे लेती है। हालांकि माननीय मुख्यमंत्री जी ने सभी पीड़तों को 2 लाख के मुआवजे की घोषणा कर दी है ।
उम्मीद है आगे ऐसे घटनाओं पर विराम लगे और सभी प्रवासी मज़दूर अपने निवास पर पहुँच सकें।
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