Lucknow - कुछ कंपनियां ऐसी भी है जो सरकार के आदेश को ताख़ पर रख अपनी मन - मानी करने में लगी हुई है मानो उनका सरकार के आदेशों से कोई वास्ता ही न हो।
इन कंपनियों द्वारा सरकार के आदेश को न मानना कुछ ऐसा व्यतीत होता है जैसे देश में कुछ कानून बनाए ही जाते है तोड़ने के लिए।
सूत्रों से प्राप्त
एक तरफ सी. एम. योगी आदित्यनाथ ने यह फरमान जारी किया कि लॉक डाउन के चलते बंद चल रहें सरकारी, अर्द्धसरकारी विभागों, निगमों और निजी संस्थानों, उद्योगों, कारखानों, अन्य जगहों पर कार्य कर रहे कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जाएगा।
साथ ही अफसरों को यह निर्देश भी दिया कि वह कर्मचारियों को वेतन दिलाना सुनिश्चित कराएं।
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने मुख्यमंत्री के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सोमवार और मंगलवार को कार्यालय खुलवाकर सबका वेतन सनिश्चित करवाया जाएगा।
अगर कोई संस्थान वेतन देने से इन्कार करेगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सरकार के आदेश खोखले और निजी कंपनी वालों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहें।
मामला है (परफेक्ट हायर प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी का जिसने अपने वर्करों कि सैलरी कभी आधी काट ली तो कभी एक चैथाई । मामला है च्मतमिबज ीपतम च्अज. स्जक.
कंपनी में कार्य करने वाले युवक का जिसके द्वारा यह जानकारी दी गई कि मैं ’अब्दुल्लाह च्मतमिबज ीपतम चअज. स्जक नाम की मैन पावर सप्लाई करने वाली कम्पनी में कार्यरत हूँ , जैसा कि मैंने न्यूज के माध्यम से ये सुना था कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने लाकडाउन के दरमियान प्राइवेट कम्पनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नही की जाएगी , लेकिन मेरी कम्पनी च्मतमिबज ीपतम चअज. स्जक ने इस बात को अनदेखा करते हुए मार्च माह में 3,000 और अप्रैल माह में 9,000 की कटौती की है। जबकि कम्पनी कर्मचारियों को कुछ न कुछ कार्य देती रहती है जिसको हम लोग घर बैठे पुर्ण रूप से करते हैं।
अब ऐसे में क्या केंद्र सरकार और राज्य सरकार कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही कर वर्करों का वेतन दिलाना सुनिश्चित करेंगी या यूं ही प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां अपनी मन - मानी करते हुए वर्करों को मन मुताबिक वेतन में कटौती करती रहेंगी।
मामला लिमिटेड कंपनियों में कार्यरत वर्करों की सैलरी और उनकी पेट की भूख का है।
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