एक ओर देश मे जहाँ कोरोना संकट है वही बिहार के पूर्वी चम्पारण समेत कई हिस्सों में बारिश की पानी से किसानों की मेहनत पानी फेर दिया गया है. खेत से लेकर खलिहान तक पानी जमा थी जिसके कारण अनाज खराब हो गया .उक्त बातें चिरैया विधानसभा के युवा नेता पूर्व प्रदेश नगर निकाय जदयू राज्यकार्यकारणी सदस्य शिवम कुमार ने कहीं की गेहूं की फसल पानी में गिरा है तो कहीं काटी गयी फसल पानी में डूबा हुआ है. किसानों की मेहनत आंधी और पानी से खेतों में डूब गया है. पिछले कई वर्षों से किसान मौसम की मार झेल रहे हैं. कभी सूखे का प्रकोप, तो कभी बारिश की तबाही. एक के बाद एक आफत किसानों का पीछा नहीं छोड़ रही है. पिछले कई दिनों में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है.गेहूं की जो फसल अभी खेत में ही लगी थी, वह गिर गयी है. ओलावृष्टि से बालियां बिखर गयी हैं. वहीं, जहां फसलों को काट कर अभी खेतों में छोड़ दिया गया था, वहां पानी लगने से काफी क्षति हुई है. फसलों की इस बर्बादी से किसान काफी हताश हैं।युवा नेता शिवम कुमार का कहना है कि बारिश में फसल कटी फसल रहने के कारण . फसल खराब हो जाना तय है जिसके कारण इस साल भी किसानों कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पायेगी।सबसे मुश्किल हालात उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए है जिनके पास दो हेक्टेयर ज़मीन भी फसल उगाने के लिए नहीं हैं.भारत सरकार के कृषि विभाग के आँकड़ों के मुताबिक़ राज्य की जो आबादी कृषि कार्य में लगी है उसमें सीमांत किसानों की संख्या 85 फ़ीसदी से अधिक है।जितने छोटे किसान है सरकार उनको जल्द से जल्द इस संकट से उबर।युवा नेताN शिवम कुमार ने कहा कि सरकार अवलोकन करके फसल क्षति को लेकर किसानों को मुआवजा दिलाने तथा किसानों का ऋण माफ करने की मांग की है ।
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