वित्त आयुक्त (स्वास्थ्य) अटल दुल्लू ने एक पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को नामित परीक्षण केन्द्रों पर हो रहे परीक्षण की संख्या की वर्तमान स्थिति के बारे में अवगत कराया। साथ ही आने वाले दिनों में परीक्षणों की संख्या में अनुमानित बढ़ोतरी के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि प्रति दिन 100 नमूनों के साथ शुरुआत के बाद अब यह आंकड़ा प्रति दिन कई हजार नमूनों तक पहुंच गया है।
अटल दुल्लू ने बताया कि कल आईसीएमआर ऐप की शुरुआत के साथ नमूने की जांच रिपोर्ट हासिल करने में लगने वाले समय को तीन दिन तक सीमित किया जा सकता है। उन्होंने केन्द्र के सक्रिय सहयोग पर भी संतोष जाहिर करते हुए कहा कि अब पीपीई किट और एन-95 मास्क या सैनिटाइजर्स की कोई कमी नहीं है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि थोड़े अतिरिक्त प्रयासों के साथ परीक्षण रिपोर्ट हासिल करने में लगने वाले औसत समय में और कमी की जा सकती है। उन्होंने बैकलॉग को तेजी से निपटाने का भी आह्वान किया।
विचार विमर्श के दौरान क्वारंटाइन केन्द्रों में सुविधाओं से जुड़े मुद्दे भी रखे गए। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुझाव दिया कि अपने विवेक और बुद्धि का उपयोग करते हुए स्थानीय अधिकारियों को क्वारंटाइन के दौरान स्वच्छता के मानदंडों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने जनता के साथ नियमित रूप से संवाद करने और क्वारंटाइन तथा कोरोना प्रबंधन के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर मिली जानकारियों पर प्रतिक्रिया देने पर जोर दिया।
स्वास्थ्य अधिकारियों और चिकित्सा समुदाय की सराहना करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने माना कि देश के कई अन्य राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों की तुलना में जम्मू और कश्मीर बेहतर स्थिति में है, आंकड़े खुद ही इस बात की गवाही भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों की तुलना में जम्मू और कश्मीर में मामले दोगुने होने में ज्यादा समय लग रहा है। इसके साथ ही प्रति दिन होने वाले परीक्षणों की संख्या के लिहाज से राज्य लगातार देश में शीर्ष तीन राज्यों में बना हुआ है।
इस अवसर पर अपने विचार रखने वालों में एसकेआईएमएस के निदेशक डॉ. अयंगर, सरकारी मेडिकल कॉलेज श्रीनगर की प्राचार्य डॉ, सामिया, सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू के प्राचार्य डॉ. एन सी ढींगड़ा, श्रीनगर के स्वास्थ्य निदेशक और जम्मू के स्वास्थ्य निदेशक शामिल रहे। इस बैठक में अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और उनके संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।
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