बलरामपुर, इस वैश्विक महामारी में जहां पूरा देश कराह रहा है वहीं कुछ भ्रष्ट और गैर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों के चलते श्रमिकों व कमजोर वर्ग के लोगों को जो सहायता प्रदेश सरकार दे रही है उसे भी यह डकार जा रहे हैं लॉक डाउन के बाद श्रम विभाग ने पूरे जनपद मे पंजीकृत श्रमिकों की सूची जिला पूर्ति कार्यालय को सौंप दी थी जिसके बाद से यह माना जा रहा था कि अब श्रमिकों को प्रति यूनिट 5 किलो चावल या गेहूं मिलना शुरू हो जाएगा परंतु ज्यादातर कोटेदारों को इसकी जानकारी ही नहीं है जिसे लेकर गांव के श्रमिकों की कोटेदारों से आए दिन तू तू मैं मैं होती रहती है तुलसीपुर नगर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के महमूद नगर गैसड़ी पचपेड़वा शिवपुरा बलरामपुर बालपुर जोरावरपुर मिर्जापुर देवरिया उतरौला श्रीदत्तगंज सादुल्लाह आदि कहीं भी कोटेदार पंजीकृत श्रमिकों को राशन नहीं दे रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाला यह भारी भरकम राशन कहां चला गया, इस संदर्भ में जब भाजपा नेत्री मुन्नू तिवारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी पंजीकृत श्रमिकों के लिए प्रति यूनिट 5 किलो गेहूं या चावल निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है परंतु उसका वास्तविक लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच रहा है इसकी जिम्मेदारी जिला पूर्ति अधिकारी व उनके विभाग की है जिसकी शिकायत मैं शीघ्र ही अपने प्रदेश प्रमुखों को करूंगी क्योंकि ऐसे मामले में ना तो मैं ना ही मेरी पार्टी इस पर किसी तरह का समझौता कर रही है यह गरीब कमजोर वंचित लोगों के हिस्से का मामला है इसके लिए मैं वह मेरी सरकार जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कराने के लिए कटिबद्ध हैं।
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