जब प्यार सभी से हम करते थे।
तब सब के दिलों में राज करते थे
नियत अपनी साफ रखते थे
जब हम-तुम छोटे बच्चे थे
जब छोटी सी बात की जिद्द करते थे
वह न मिलने पर रोया करते थे
तब मां की डांट से सो जाया करते थे
जब हम तुम छोटे बच्चे थे
जब खिलौने लाख तोड़ा करते थे
उस वक्त हम उम्र के कच्चे थे,
तब हम दिल नहीं तोड़ा करते थे
जब हम-तुम छोटे बच्चे थे
जब स्कूल में जाने के लिए ढोंग रचाते थे।
नंगे पांव धूप में दौड़ लगाते थे
छोटी-छोटी बातों पर पीट जाया करते थे।
जब हम तुम छोटे बच्चे थे
रचयिता-प्रकाश कुमार खोवाल जिला-सीकर राजस्थान
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