Monday, May 4, 2020

हार्वेस्टर से फसल कटाई पर लगे प्रतिबंध, अन्यथा नहीं रुकेंगी पराली जलाने की घटनाएं






मौदहा हमीरपुर।एक ओर जहां माननीय उच्चतम न्यायालय ने खेतों में पराली जलाने को कानूनी अपराध घोषित कर दिया है।और ऐसा करने वाले किसानों के लिए कडी सजा का प्रावधान किया गया है।लेकिन न्यायालय और सरकार के लाख प्रयासों के कारण भी किसानों का पराली जलाने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।और आयेदिन किसान अपने खेतों में आग लगा देते हैं जो कुछ समय बाद विकराल रूप धारण कर लेती है।और अंत में कोतवाली पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड को कडी मशक्कत करनी पड़ती है जिससे समय और श्रम की हानि तो होती ही है साथ ही साथ यही पराली की आग जब विकराल रूप धारण कर लेती है तो भीषण हादसा भी हो जाता है हालांकि अभी तक क्षेत्र में ऐसी घटना नहीं घटी है।ऐसा ही मामला देर शाम मौदहा, तिंन्दुही और अरतरा के बीच खेतों में हुआ।जब उक्त स्थान पर किसी ने तिन्दुही के निकट खेतों की पराली मे आग लगा दी।धीरे धीरे आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि मौदहा अरतरा त़िदुही के बीच का पूरा क्षेत्र आग की चपेट में आगया।इतना ही नहीं मौदहा अरतरा मुख्य मार्ग भी आग की चपेट में आगया।मौके पर पहुंचे पत्रकारों की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने किसी तरह से आग पर काबू पाया अन्यथा चल रही भीषण आंधी क्षेत्र में तबाही का सबब बन सकती थी।मामला यह है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने पर तो रोक लगा दी है लेकिन इसका कडाई से पालन नहीं हो रहा है और कानून का पालन कराने की कोई व्यवस्था नहीं है।और किसान फसल को शीध्र घर पहुंचाने के उद्देश्य से हार्वेस्टर से फसल कटा कर उपज घर ले जाते हैं और पराली को खेत में जला दिया जाता है।जब तक किसानों के लिए हार्वेस्टर से फसल कटवाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है।तब तक पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले सकती हैं।और शीध्र ही हमें किसी बडे हादसे की खबर मिल सकती है।अगर सरकार किसानों को पराली जलाने से रोकना चाहती है तो इस कानून का कडाई से पालन कराना होगा।और किसानों के हार्वेस्टर से फसल कटाई करवाने पर पूरी तरह से रोक लगाना होगा।


 

 



 



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