Friday, May 1, 2020

ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की

केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने आज राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों के ग्रामीण विकास मंत्रियों और सम्‍बद्ध अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंस कर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नॉन-कंटेनमेंट क्षेत्रों में 20 अप्रैल 2020 से दी गई ढील के आलोक में महात्‍मा गांधी ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई) और राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत कार्य बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।

श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही कोविड-19 महामारी फैलने की वजह से उत्‍पन्‍न चुनौती बेहद गंभीर है, लेकिन सभी राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों को अनिवार्य रूप से इस चुनौती का उपयोग ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सशक्‍त बनाने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन करने और ग्रामीण आजीविका में विविधता लाने को सुगम बनाने पर किया जाना चाहिए। 


उन्‍होंने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय चालू वित्‍त वर्ष में पहले ही राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों के लिए 36,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा धनराशि जारी कर चुका है। मंत्रालय ने मनरेगा के तहत 33,300 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है, जिसमें से 20,225 करोड़ रुपये की राशि वेतन और सामग्री के संबंध में पिछले साल के बकाये के भुगतान के लिए जारी की गई है। उन्‍होंने कहा कि मंजूर की गई धनराशि मनरेगा के तहत जून 2020 तक के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्‍त है। उन्‍होंने राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों को भरोसा दिलाया कि ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए पर्याप्‍त वित्‍तीय संसाधन उपलब्‍ध हैं।


श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने राज्‍यों और संघशासित प्रदेशों से कोविड-19 से संबंधित सभी आवश्‍यक सावधानियां बरतते हुए रोजगार के साधनों के सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और ग्रामीण आजीविका के साधनों को सशक्‍त बनाने से संबंधित ग्रामीण विकास योजनाओं को अग्रसक्रियता के साथ प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया।


उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि मनरेगा के तहत जल शक्ति मंत्रालय और भू संसाधन विभाग के साथ समन्‍वय करते हुए जल संरक्षण, जल पुनर्भरण और सिंचाई कार्यों पर ध्‍यान केंद्रित किया जाना चाहिए। 


पीएमएवाई(जी) के तहत उन 48 लाख आवासीय इकाइयों को पूरा करने को प्राथमिता दी जानी चाहिए, जहां लाभार्थियों को तीसरी और चौथी किस्‍तें दी जा चुकी हैं। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत मंजूर सड़क परियोजनाओं और लम्बित सड़क परियोजनाओं को शुरु करने से संबंधित निविदाओं को जल्‍द प्रदान किए जाने पर ध्‍यान केंद्रित किया जाना चाहिए। ठेकेदारों, आपूर्तिकर्ताओं, श्रमिकों आदि को काम शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।


उन्होंने एनआरएलएम के तहत महिला एसएचजी द्वारा सुरक्षात्मक फेस कवर, सैनिटाइज़र, साबुन बनाए जाने  और बड़ी संख्या में सामुदायिक रसोई चलाए जाने की सराहना की।


सभी राज्यों /संघशासित प्रदेशों ने केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के सुझावों से पूरी सहमति व्‍यक्‍त की। महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने मनरेगा के तहत लंबित वेतन और सामग्री का 100 प्रतिशत बकाया जारी करने के लिए विशेष रूप से केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया।


सभी राज्यों/संघशासित प्रदेशों ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की सक्रिय सहायता से ग्रामीण विकास योजनाओं का केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालयऔर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रभावी और कुशल तरीके से कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।



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