करोना वायरस से लड़ाई में आगे बढ़ कर मोर्चा संभाले हुए भारत का कद विश्व स्वास्थ संगठन में बढा है| भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी को कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया हैं l दोस्तों डॉ हर्षवर्धन ने जापान के डॉक्टर हिरोकी नाकातानी का जगह लिए हैं जो कि अभी 34 सदस्यीय बोर्ड के चेयरमैन हैl इस वैश्विक मंच पर भारत के प्रतिनिधित्व के प्रस्ताव पर विश्व स्वास्थ्य असेंबली की 194 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं l वैसे पिछले वर्ष में ही दक्षिण पूर्व एशिया ग्रुप ने यह फैसला कर लिया था l कि इस बार बोर्ड चेयरमैन का चयन भारत की ओर से होगाl दोस्तों यह पद हर वर्ष बदलता रहता है और पिछले वर्ष निर्णय हुआ था कि अगले साल भारत इस बोर्ड का प्रतिनिधित्व करेगा l दोस्तों यह पूर्णकालिक जिम्मेदारी नहीं होती है इसलिए स्वास्थ्य मंत्री को सिर्फ बैठकों में शामिल होना होगा और वोट की बैठक साल में दो बार ही होती हैं ,आमतौर पर जनवरी में होती है, और दूसरी बैठक मई में होती है l कार्यकारी बोर्ड का मुख्य काम स्वास्थ्य असेंबली के फैसलों व पॉलिसी तैयार करने के लिए उचित सलाह देना होता है l दोस्तों यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की ओर से कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ पर चीन से मिलीभगत करने का आरोप लगाया गया है, जिसके कारण अमेरिका ने फंड देने से भी मना किया है ,और अमेरिका और चीन में शीत युद्ध की हालात बनी हुई है l वैसे दोस्तों इस डब्ल्यूएचओ में तकनीकी रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर 34 देशों को ही कार्यकारी बोर्ड का सदस्य बनाया जाता है , लेकिन इस बार इसमें ऐसे देशों को भी शामिल किया गया है जो काफी पिछड़े हुए हैं l दोस्तों इस बार भारत के अलावा बोर्ड के सदस्यों के रूप में वोटसवाना, कोलंबिया, घाना, गिनी -बिसाऊ, मेडागास्कर, ओमान, रूस, ब्रिटेन और रिपब्लिक ऑफ कोरिया को भी जगह दिया गया हैl
दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि विश्व स्वास्थ संगठन, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ एजेंसी है l यह एक अंतर सरकारी संगठन है जो आमतौर पर सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रालय के जरिए उनके साथ मिलकर काम करता है l दोस्तों विश्व स्वास्थ संगठन दुनिया में स्वास्थ्य संबंधित मामलों में नेतृत्व प्रदान करने, स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंडा को आकार देने का काम करता है स्वास्थ्य संबंधित रुझानों की निगरानी और आकलन करने की जिम्मेदारी इसी का हैं , इसलिए दोस्तों वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का वक्त रहते सही आकलन नहीं करने के कारण बहुत से देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का घेराव किया है l जैसा कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन पर ज्यादा ध्यान देने का आरोप लगाए है, और फंडिंग को रोकने की धमकी दिए हैं l इसलिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई l दोस्तों डब्ल्यूएचओ की फंडिंग सबसे अधिक अमेरिका से आता है वैसे भी डब्ल्यूएचओ ने 2019 से 2023 के लिए 14 .14 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश का लक्ष्य रखा है ,लेकिन जिस प्रकार से अमेरिकी राष्ट्रपति का तेवर है यह तो वक्त ही बताएगा कि कितना अपने लक्ष्य तक डब्ल्यूएचओ पहुंचता हैं l दोस्तों 68 वी विश्व स्वास्थ्य सभा के अध्यक्ष का भारत के तरफ से पदभार संभालने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा किस तरीके से अपनी भूमिका का निर्वहन करते हैं इस पर पूरे विश्व का नजर हैl दोस्तों हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य की तेजी से बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता है जिनमें संक्रामक रोग, गैर संक्रामक रोग ,स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन का असर, एवं सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज साथ में सभी देशों के बीच स्वास्थ्य संबंधित पूछताछ कम हो जाना हर देश में स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मानव संसाधन मुहैया कराना किफायती दवाओं एवं इलाज तक पहुंच सुनिश्चित करना और स्वास्थ्य संबंधी जीवन शैली को बढ़ावा देकर बीमारियों से बचने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है l दोस्तों भारत में डॉक्टरों की भारी कमी को दूर करने की जरूरत है और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है ग्रामीण स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने की जरूरत है l इस वैश्विक महामारी में अपने स्तर पर वंचित तबकों के मदद के लिए आप सब आगे आए यह हम सबका नैतिक जिम्मेदारी भी है l
कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया-अंतर्राष्ट्रीय चिंतक)
No comments:
Post a Comment