पोसोकोके राष्ट्रीय भार प्रेषण केन्द्र (एनएलडीसी) और पूर्वी क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र (ईआरएलडीसी) को मुख्य नियंत्रण केन्द्रों के रूप में नामित किया गया है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में ऊर्जा/बिजली विभाग के वरिष्ठ स्तरों पर नोडल अधिकारियों को किसी भी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए नामित किया गया है। हमारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों यानी एनटीपीसी, पीजीसीआईएलऔर पोसोकोने स्थिति से निपटने और यदि चक्रवात के कारण किसी प्रकार को कोई नुकसान होता है, तो तेजी से बिजली बहाल करने के लिए राज्य विद्युत सेवाकी मदद करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। भुवनेश्वर और कोलकाता में पीजीसीआईएल और एनटीपीसी ने 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा,पीजीसीआईएल मुख्यालय/मानेसर में एक 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
नेशनल ग्रिड ऑपरेटर- पोसोकोस्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए है और चक्रवात मार्ग पर नज़र रख रहा है। सभी आरएलडीसी को एनएलडीसीद्वारा 17.05.2020 को प्रारंभिक परामर्श जारी किया गया था। एनएलडीसी द्वारा आरएलडीसी और सभी संबंधित ट्रांसमिशन लाइसेंस और पश्चिम बंगाल और ओडिशा के राज्य भार प्रेषण केन्द्रों (एसएलडीसी) को 18.05.2020को परामर्श भी जारी किया गया है।
आपातकालीन बहाली प्रणाली (ईआरएस) (400केवी पर 32और 765केवी पर 24) पर्याप्त मानव शक्ति के साथ पहले से ही प्रमुख स्थानों पर रखी गई है,जिसका किसी भी ट्रांसमिशन टॉवर के ढहने और ट्रांसमिशन लाइनों के बाधित होने पर उपयोग किया जाएगा। परिवहन को भी जोड़कर रखा गया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर क्षतिग्रस्त स्थल पर ईआरएस लगाने के लिए भेजा जा सके। ट्रांसमिशन उपकरण, डीजी सेट, ट्रांसफार्मर तेल, आपातकालीन रोशनी और अन्य आवश्यक सामग्री के आवश्यक कलपुर्जे भी जुटाए गए हैं।
पुनर्स्थापना गतिविधियों के लिए वाहन के साथ मानव शक्ति की भी व्यवस्था की गई है और कुशल श्रमिकों के कुछ और विशेषज्ञ समूहों की व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न वस्तुओं जैसे खंभे, ट्रांसफार्मर केबल आदि के निर्माताओं को भी आवश्यकता के अनुसार तत्काल आधार पर सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सतर्क कर दिया गया है।
राज्य ट्रांसमिशन लाइनों और अन्य बिजली बुनियादी ढांचे को यदि कोई नुकसान होता है, तो राज्य बिजली सेवा को सभी आवश्यक सहायता दी जाएगी।
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