साइक्लोन की संभावनाओं से लेकर लगातार मैं इससे संबंधित सभी लोगों से संपर्क में था। भारत सरकार भी सतत् राज्य सरकार के संपर्क में थी। साइक्लोन का नुकसान कम से कम हो, इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए उसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिल करके भरसक प्रयास किया। लेकिन उसके बावजूद करीब-करीब 80 लोगों का जीवन हम नहीं बचा पाए, इसका हम सबको दुख है। जिन परिवारों ने अपना स्वजन खोया है, उनके प्रति केंद्र सरकार, राज्य सरकार और हम सबकी संवदेनाएं हैं और इस संकट की घड़ी में हम उनके साथ हैं।
संपत्ति का भी नुकसान काफी होता है- चाहे एग्रीकल्चर हो, चाहे पॉवर सेक्टर हो, चाहे टेली- कॉम्युनिकेशन हो, चाहे घरों का उजड़ जाना हो; अनेक प्रकार का चाहे वो इंफ्रास्टक्चर का हो, चाहे व्यापार जगत से लोग जुड़े हुए हों, चाहे खेती सेक्टर से जुड़े हुए; हर किसी को नुकसान होता है।
आज मैंने हवाई निरीक्षण करके बारीकी से इस प्रभावग्रस्त विस्तार को मुख्यमंत्रीजी के साथ, गवर्नर जी के साथ दौरा करके उसको देखा है। अभी राज्य सरकार ने और मुख्यमंत्रीजी ने विस्तार से मेरे सामने जो भी प्राथमिक आकलन है, उसका ब्यौरा दिया है। हमने तय किया है कि हो सके उतना जल्द डिटेल में सर्वे हो। कृषि का हो, पॉवर सेक्टर का हो, टेली-कॉम्युनिकेशन का हो, घरों की जो स्थिति है, इंफ्रास्ट्रक्चर की जो स्थिति है।
केंद्र सरकार की तरफ से भी तत्काल एक टीम आएगी और वो टीम इन सभी क्षेत्रों में सर्वे करेगी और हम मिल करके rehabilitation हो, restoration हो, reconstruction हो; उसकी व्यापक योजना बना करके बंगाल की इस दुख की घड़ी में हम पूरा-पूरा साथ देंगे, सहयोग देंगे और बंगाल जल्द से जल्द खड़ा हो जाए, बंगाल जल्द से जल्द तेज गति से आगे बढ़़े, इसके लिए भारत सरकार कंधे से कंधा मिला करके काम करेगी और जो भी आवश्यकताएं होंगी, उन आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार के जो भी नीति-नियम हैं उसका पूरी तरह उपयोग करते हुए पश्चिम बंगाल की मदद में हम खड़े रहेंगे।
अभी तत्काल जो इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार को कठिनाई न हो इसके लिए एक advance assistance के रूप में एक हजार करोड़ रुपया भारत सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाएगी। साथ-साथ जिन परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं, उन परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपया और जिन लोगों को injury हुई है उनको 50 हजार रुपये तक की सहायता देने का भी हम प्रधानमंत्री राहत कोष से करेंगे।
पूरी दुनिया एक संकट से जूझ रही है। भारत भी लगातार कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। कोरोना वायरस की लड़ाई में जीतने का मंत्र और साइक्लोन में जीतने का मंत्र; दोनों पूरी तरह एक-दूसरे के opposite हैं।
कोरोना वायरस से लड़ने का मंत्र है- जो जहां है वहीं रहे, जरूरत नहीं हो तब तक घर से बाहर नहीं निकले और जहां भी जाए दो गज की दूरी बनाए रखे, लेकिन साइक्लोन का मंत्र है कि साइक्लोन आ रहा है, जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थल पर आप शिफ्ट कर जाइए, वहां पर पहुंचने का प्रयास कीजिए, अपना घर खाली कीजिए; यानी दोनों अलग-अलग प्रकार की लड़ाइयां एक साथ पश्चिम बंगाल को लड़नी पड़ी हैं।
लेकिन उसके बावजूद भी ममता जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भरसक प्रयास किया है। भारत सरकार ने भी लगातार उनके साथ रह करके इस संकट की घड़ी में जो भी आवश्यक व एडवांस में करने योग्य था, जो उसी समय करने के योग्य था और जो आगे दिनों में करने की आवश्यकता है, उसको भी पूरा करने का हम प्रयास करेंगे।
आज समग्र देश को जिनके लिए गौरव है, ऐसे राजा राममोहन राय जी की जन्म–जयंती है। और इस समय मेरा पश्चिम बंगाल की पवित्र धरती पर होना, मेरे मन को छूने वाली बात होती है। लेकिन संकट की घड़ी से हम जूझ रहे हैं, तब मैं इतना ही कहूंगा कि राजा राममोहन राय जी हम सबको आशीर्वाद दें ताकि समयानुकूल समाज परिवर्तन के जो उनके सपने थे, उनको पूरा करने के लिए हम मिल-बैठ करके, मिल-जुल करके एक उज्ज्वल भविष्य के लिए, भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए समाज सुधार के अपने कामों को निरंतर जारी रखेंगे और वही राजा राममोहन राय जी को उत्तम श्रद्धांजलि होगी।
मैं मेरे पश्चिम बंगाल के सभी भाइयों-बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि संकट की घड़ी में पूरा देश आपके साथ है। भारत सरकार कंधे से कंधा मिला करके आपके साथ आने वाले सभी कामों में खड़ी रहेगी। इसी संकट की घड़ी के समय आप सबसे मिलने आया हूं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण सब नागरिकों से तो नहीं मिल पा रहा हूं; मन में एक कसक तो रह जाएगी। यहां से मैं आज उड़ीसा की ओर जाऊंगा और वहां भी हवाई निरीक्षण करूंगा, वहां के माननीय मुख्यमंत्री जी से, राज्य सरकार से बातचीत करूंगा।
मैं फिर एक बार पश्चिम बंगाल की इस दुख की घड़ी में आपके साथ हूं। जल्द से जल्द आप इस संकट से बाहर निकलें, इसके लिए मैं पूरी तरह आपके साथ रहूंगा।
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