ये उपाय आयुष मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुरूप हैं। च्वयनप्राश (मुख्य तत्व के रूप में आंवला), अनु तैला एवं संशामणि वटी (गुडुची से निर्मित्त) जैसे अनुशंसित फार्मूलेशन की सरल औषधियां हैं जो समय सिद्ध हैं और प्रतिरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने वयस्थापना (एंटी एजिंग हर्ब) के रूप में गिलोय की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि मंत्रालय कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के लिए पूरक उपचार के रूप में दिए जाने वाली आयुष औषधियों के लिए काम कर रहा है। उन्होंने अग्रिम पंक्ति योद्धाओं के रूप में दिल्ली पुलिस के प्रयासों की भी सराहना की।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त श्री एस एन श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस के लिए स्वास्थ्य संवर्धन हेतु आयुष मंत्रालय एवं एआईआईए के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सरल आयुर्वेद औषधियों के प्रतिरक्षण बढ़ाने वाले प्रभाव को रेखांकित किया जो समय सिद्ध और वैज्ञानिक हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि एआईआईए एवं दिल्ली पुलिस का संयुक्त उद्यम अपनी तरह का सबसे बड़ा उद्यम है और यह सफल रहेगा तथा दूसरों के लिए रोल मॉडल रहेगा।
दिल्ली पुलिस आयुर्वेद प्रतिरक्षण संवर्धन उपायों के जरिये दिल्ली पुलिस के कार्मिकों जैसे अग्रिम पंक्ति के कोविड योद्धाओं के स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए एक प्रस्ताव लेकर आई है। इस प्रस्ताव को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा। वितरण एनसीटी दिल्ली के 15 राज्यों के दिल्ली पुलिस के लगभग 15000 कार्मिकों के लिए किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने संस्थान के निदेशक के तहत 3 प्रमुख समन्वयकों को नामित किया है। एआईआईए के 15 नोडल अधिकारियों की दिल्ली राज्य के 15 जिलों के लिए पहचान की गई है जो दिल्ली पुलिस के 15 नोडल अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वयन में कार्य करेंगे।
- चरण I: सभी क्वारांटाइन वाले पुलिस अधिकारी एवं पदाधिकारी
- चरण II: नियंत्रण जोन में तैनात पुलिस अधिकारी एवं पदाधिकारी
- चरण III : क्वारंटाइन जोन में तैनात पुलिस अधिकारी एवं पदाधिकारी
- चरण IV: फील्ड में अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के रूप में काम करने वाले सभी पुलिसकर्मी
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने मधुमेह, दबाव, हाइपरटेंशन जैसे अस्वस्थ स्थिति वाले पुलिस अधिकारियों/पदाधिकारियों की पहचान करने की भी योजना बनाई है जो इस महामारी के प्रति अतिसंवेदनशील हैं। इन अधिकारियों/पदाधिकारियों की अतिरिक्त सहायता एवं देखभाल की जाएगी। इन दवाओं को लेने वाले सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के लिए डिजिटल प्रारूप में एक समुचित स्वास्थ्य रिकॉर्ड का रख-रखाव किया जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से विकसित और डिजाइन की गई प्रश्नावली एवं डिजिटल आरोग्य संजीवनी का उपयोग किया जाएगा।
औषधियों के वितरण के लिए, विशेष किट तैयार की जायेंगीजिसमें फार्मूलेशन, उपयोग का तरीका और आयुष मंत्रालय द्वारा हिन्दी एवं अंग्रेजी में जारी परामर्शी रखा जाएंगी। औषधियां आयुष मंत्रालय के तहत सरकारी फार्मेंसी (आईएमपीसीएल) से खरीदी जाएंगी।
दिल्ली पुलिस के प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक कियोस्क की स्थापना की भी योजना बनाई गई है जिसमें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के परामर्शदाताओं द्वारा आरंभ में 15 दिनों के लिए आहार एवं जीवनशैली संबंधित संपूर्ण जानकारी एवं प्रतिरक्षण को बढ़ावा देने में आयुर्वेदिक प्रतिपादनों की उपयोगिता की व्याख्या की जाएगी।
स्वास्थ्य को बढ़ावा देना एवं जीवनशैली की एक स्वस्थ दैनिक आहार नियम द्वारा रोगों से बचाव तथा प्रतिरक्षण बढ़ाना ही आयुर्वेद को मूल उद्देश्य है।
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